1 जुलाई से खाद्य तेल और सुपारी पर नई टैरिफ वैल्यू लागू, देशी किसानों को मिल सकती है कीमतों में राहत
03 जुलाई 2025, नई दिल्ली: 1 जुलाई से खाद्य तेल और सुपारी पर नई टैरिफ वैल्यू लागू, देशी किसानों को मिल सकती है कीमतों में राहत – केंद्र सरकार ने सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 14(2) के तहत नई टैरिफ वैल्यू अधिसूचना संख्या 44/2025-Customs (NT) जारी की है। यह अधिसूचना 1 जुलाई 2025 से प्रभाव में आएगी। इसके तहत खाद्य तेल, सुपारी, पीतल स्क्रैप, सोना और चांदी जैसे आयातित उत्पादों के लिए सीमा शुल्क गणना हेतु संशोधित वैल्यू तय की गई है।
खाद्य तेलों के लिए नई टैरिफ वैल्यू (USD प्रति मीट्रिक टन)
फसल/उत्पाद | नई टैरिफ वैल्यू (USD/MT) |
कच्चा पॉम ऑयल | 1006 |
आरबीडी पॉम ऑयल | 1032 |
कच्चा पामोलिन | 1044 |
आरबीडी पामोलिन | 1047 |
सोयाबीन का कच्चा तेल | 1095 |
किसानों के लिए क्या मायने हैं?
खासकर खाद्य तेलों की टैरिफ वैल्यू अधिसूचित होने से घरेलू तेल बीज उत्पादकों जैसे मूंगफली, तिलहन और सोयाबीन किसानों को राहत मिल सकती है। टैरिफ वैल्यू के आधार पर आयात पर लगने वाला कर निर्धारित होता है। ऐसे में यदि आयात महंगा होता है, तो घरेलू उत्पादों की मांग में वृद्धि संभव है, जिससे किसानों को बेहतर कीमत मिलने की संभावना बनती है।
अन्य प्रमुख उत्पादों की टैरिफ वैल्यू
सुपारी की टैरिफ वैल्यू 6970 अमरीकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन रखी गई है, जो पहले जैसी ही बनी हुई है। इससे घरेलू सुपारी उत्पादकों को स्थिर प्रतिस्पर्धा मिलती रहेगी। वहीं, पीतल स्क्रैप की टैरिफ वैल्यू अब 5563 डॉलर प्रति मीट्रिक टन तय की गई है, जिससे इसके आयात की निगरानी मजबूत होगी। इसके अलावा, सोना की टैरिफ वैल्यू 1054 डॉलर प्रति 10 ग्राम और चांदी की 1164 डॉलर प्रति किलोग्राम निर्धारित की गई है। इससे आभूषण और सर्राफा उद्योग के आयात कारोबार पर असर पड़ेगा।
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