Crop Cultivation (फसल की खेती)

लीफ कलर चार्ट से धान, गेहूँ व मक्का की फसल में नाइट्रोजन की उचित मात्रा का करें निर्धारण

Share

20 सितम्बर 2023, नई दिल्ली: लीफ कलर चार्ट से धान, गेहूँ व मक्का की फसल में नाइट्रोजन की उचित मात्रा का करें निर्धारण – अनाजी फसलों में धान एक प्रमुख फसल हैं, जो लगभग संपूर्ण भारत में उगाई जाती हैं। इस समय धान में सिंचाई व्यवस्था, खरपतवार निंयत्रण के साथ-साथ उर्वरक प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण होता हैं। धान में नाइट्रोजन की उचित मात्रा निर्धारित करने में लीफ कलर चार्ट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। जिसकी जानकारी पूसा संस्थान की विशेषज्ञ डॉ कपिला शेखावत, सस्य विज्ञान संभाग दे रही हैं।

पौधे की मांग के आधार पर पोषक तत्व उपलब्ध करवाने की मांग को परिशुध्द पोषक तत्व प्रबंधन या प्रिसिजन न्यूट्रिएंट्स प्रबंधन कहते हैं। इसके लिए कई उपकरण व तकनीक हैं, जैसे ग्रीन सीकर, क्लोरोफिल  मीटर और न्यूट्रिएंट्स एक्सपर्ट जैसे प्रिसिजन  सपोर्ट सिस्टम। लेकिन इन सभी में एक बहुत ही सरल, आसान और कम लागत वाला और बहुत व्यवार्हय विकल्प हैं लीफ कलर चार्ट। जिसे धान, गेंहू और मक्का जैसी फसलों में नाइट्रोजन प्रबंधन के लिए उपयोग किया जाता हैं।

लीफ कलर चार्ट का उपयोग कैसे करें

पौधे में पत्ती का हरापन नाइट्रोजन की सांद्रता का प्रतीक हैं। पौधे की पत्ती का गहरा रंग नाइट्रोजन की पर्याप्त मात्रा को दर्शाता हैं। और हल्का हरा रंग नाइट्रोजन की मांग को दर्शाता हैं। ये एक बहुत ही हैंडी यंत्र हैं जिसमें हल्का रंग से गहरे रंग तक कई शेड्स दिए होते हैं। इन सभी शेड्स के नीचे एक अंक दिया रहता हैं। अगर धान की फसल की बात करें तो जब फसल लगभग 15-20 दिन की होती हैं तब फसल रीडिंग लेना शुरू करें। हर 7-10 दिन के अंतराल पर पुनः रीडिंग लेते रहें।

अगर आपका खेत बहुत बड़ा हैं, तो उस आप 4-5 भागों में उसे बांट सकते हैं और हर भाग से आपको कम से कम 10 पत्ती का चुनाव करना होगा। जो रोग और कीटों से मुक्त हो और यंग लीफ मतलब जो नई पत्ती हैं उसका आपको चुनाव करना होता हैं।

लीफ कलर चार्ट का उपयोग कब करें

लीफ कलर चार्ट की रीडिंग लेने का सबसे सही समय होता हैं, सुबह 7-8 बजे जब धूप न हो और जब भी आप रीडिंग लें आप ध्यान रखे सूर्य  का सीधा प्रकाश पत्तियों एंव एलसीसी पर न पड़ें क्योकि कई बार इसे मिलान में दिक्कत होती हैं। इसके साथ ही कोशिश करें कि एक ही व्यक्ति सभी लीफ कलर चार्ट से रीडिंग ले जिससे त्रुटि होने के आसार  सबसे कम रहते हैं। इसके लिए आपको पत्ती का मिलान लीफ कलर चार्ट के शेडस के साथ करना होगा। इसमें अगर हम बासमती किस्मों की बात करें तो, बासमती धान में 3.5  या कम की रीडिंग पर (10 में से 6 पत्तियां) 25 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर की दर से फसल में देना होगा।

वही संकर किस्म में 4 या कम की रीडिंग पर (10 में से 6 पत्तियां) 35 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर की दर से फसल में देना होगा।

कुछ शोधों में देखा गया हैं यदि आपकी परंपरागत विधि से बोए गयी धान की फसल हैं तो फसल में 15-45 दिन तथा 60-65 दिन में रीडिंग आवश्य लें। यदि आपका सीधी बुआई वाला खेत हैं तो बोए गए धान में 20-25 दिन, 45 दिन तथा 60-65 दिन में रीडिग आवश्य लें।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम )

Share
Advertisements