प्याज की फसल में फफूंद जनित रोगों का समग्र समाधान – कृषि मंत्रालय द्वारा अनुमोदित मार्गदर्शिका
17 मई 2025, नई दिल्ली: प्याज की फसल में फफूंद जनित रोगों का समग्र समाधान – कृषि मंत्रालय द्वारा अनुमोदित मार्गदर्शिका – भारत में प्याज की खेती को कई फफूंद जनित रोगों से खतरा है, जो उपज और भंडारण दोनों पर असर डालते हैं। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड (CIB) द्वारा इन रोगों के नियंत्रण हेतु निम्नलिखित रसायनों को अनुमति दी गई है:
रोग | फफूंदनाशक | सक्रिय तत्व मात्रा | फॉर्म्युलेशन मात्रा | पानी की मात्रा | प्रतीक्षा अवधि |
---|---|---|---|---|---|
डाउनी मिल्ड्यू | ज़ीनेब 75% WP | 1.125 – 1.5 किग्रा | 1.5–2 किग्रा/हेक्टेयर | 750–1000 लीटर/हेक्टेयर | – |
झुलसा | ज़ीनेब 75% WP | 1.125 – 1.5 किग्रा | 1.5–2 किग्रा/हेक्टेयर | 750–1000 लीटर/हेक्टेयर | – |
डैम्पिंग-ऑफ | कार्बेन्डाज़िम + मैनकोज़ेब WS | 7.5 + 15 ग्राम | 30 ग्राम/हेक्टेयर | 10 लीटर/हेक्टेयर | – |
डाउनी मिल्ड्यू + पर्पल ब्लॉच | फ्लुओपिकोलाइड + प्रोपामोकार्ब SC | 62.5 + 625 से 78.1 + 781.3 ग्राम | 1000–1250 मि.ली./हेक्टेयर | 375–500 लीटर/हेक्टेयर | 25 दिन |
कटाई के बाद रोग | फ्लुओपायरम + टेबूकोनाज़ोल SC | 75 + 75 ग्राम | 375 मि.ली./हेक्टेयर | 500 लीटर/हेक्टेयर | 30 दिन |
ये सभी अनुशंसित फफूंदनाशक प्याज की खेती को रोगमुक्त रखने के लिए उपयोगी हैं। किसानों को इनका प्रयोग समेकित रोग प्रबंधन (IDM) पद्धति के अंतर्गत करना चाहिए।
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