फसल की खेती (Crop Cultivation)

तिल के लाभकारी गुण

13 जनवरी 2022,  तिल के लाभकारी गुण –

  •  तिल के बीज में उच्च गुणवत्ता का प्रोटीन एवं आवश्यक अमीनो अम्ल खासकर मिथियोनिन मौजूद है जो कि मानव में फिर से तरूण होना बनाने में वृद्धावस्था को रोकने में सहायक है।
  • तिल में लिनोलिक अम्ल, विटामिन ई,ए,बी,बी-2 एवं नायसिन खनिज एवं केल्सियम तथा फास्फोरस पाया जाता है जो कि स्वास्थ्य के लिये आवश्यक है।
  • तिल के बीजों से नवजात बच्चों का खाना बनाया जाता है जो कि मां के दूध का पर्याय है।
  • तिल के तेल में 85 प्रतिशत असंतृप्त फैटी एसिड है जिससे कोलेस्ट्रॉल को घटाने की तथा हृदय की कोरोनरी रोग रोकने में सहायक है।
  • तिल के तेल को तेलों की रानी (क्वीन ऑफ ऑयल्स) कहा जाता है क्योंकि इसमें त्वचा रक्षक तथा अन्य प्रसाधन के गुण मौजूद है।
  • किसान तीन प्रकार के काले, सफेद एवं भूरा तिल उगाते हंै जिसमें काले तिल में ज्यादा औषधीय गुण है।
  • तिल दांत के रोगों में लाभकारी है। रोज सुबह 10 ग्राम काला तिल चबा-चबाकर अच्छी तरह खाने से मसूढ़े स्वस्थ एवं दांत मजबूत होते हैं।
  • तिल से आंखों की रोशनी बढ़ती है। सर्दी में तिल के फूलों पर ओस की बंूदों को साफ मलमल के कपड़े से जल या फूलों पर से ओस की बूंदों के जल को शीशी भरकर रख ले तथा आंख मं डालने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
  • तिल खांसी के लिये लाभकारी है। 2 ग्राम तिल तथा तिल की 2-3 पत्तियों की चाय बनाकर थोड़ी अदरक डालकर पिएं। खांसी के लिये गुणकारी औषधि है।
  • तिल कफ, आर्थराइटिस, सूजन, दर्द पीड़ा में काम करता है। कमजोरी में शक्ति देने वाला है।
  • काला तिल शुद्ध घी में भून लें। गुड़ पिघलाकर तिल मिलाकर लड्डू बना लें। रात्रि में लड्डू खाएं, बहुमूत्र नहीं लगेगा।
  • छोटे-छोटे बच्चे बिस्तर में पिसाब कर लेते हैं कष्ट होता है, जानबूझ कर नहीं करते परंतु क्या करें। उपचार के बाद भी ठीक नहीं होता तो तिल के लड्डू का सेवन करें, लाभ होगा।
  • पथरी रोकने के लिए तिल लाभकारी है। तिल की कोमल पत्तियां सुखाकर पाउडर बनाकर रख लें। प्रात:काल एवं सायं एक-एक चम्मच (2 ग्राम) लें, लाभ होगा।
  • सुजाग की बीमारी में भी यह लाभकारी है।
  • अर्थराइटिज, दर्द में तिल, सोंठ,मैथी, अश्वगंधा व हल्दी बराबर मात्रा में पाउडर बनाकर प्रात: सायं दूध या गर्म गुनगुने जल के साथ सेवन करने से अर्थराइटिस सूजन, दर्द में लाभ होगा।
  • तिल के तेल की मालिश से मुंहासे, चर्म रोग में लाभ मिलता है। तेल में नीम की पत्तियां मिला लें, चर्म रोग दूर होगा।
  • तिल की जड़ की राख पथरी के लिये लाभकारी है
  • तिल के जड़ एवं पत्तियां कूटकर बालों में लगाने से बालों का झडऩा एवं विकार दूर होते हैं।

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