फसल की खेती (Crop Cultivation)

प्रदेश में धान की 37 लाख मी. टन से अधिक खरीदी हुई

भोपाल, 25 जनवरी 2021। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस वर्ष प्रदेश में धान की समर्थन मूल्य पर रिकार्ड खरीदी 37.26 लाख मीट्रिक टन हुई है। किसानों को 5 हजार करोड़ रूपए का भुगतान कर दिया गया है तथा 90 प्रतिशत धान का परिवहन हो गया है। प्रदेश में धान की खरीदी के श्रेष्ठ कार्य के लिए खाद्य विभाग, मार्कफेड, नागरिक आपूर्ति निगम सहित सभी संबंधित विभाग बधाई के पात्र हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि किसानों का बचा हुआ भुगतान भी शीघ्र हो जाए तथा शेष धान का परिवहन जल्दी से जल्दी करा लिया जाए। साथ ही खरीदी गई धान की मिलिंग का कार्य भी यथाशीघ्र करा लिया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के कार्य की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहू लाल सिंह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव श्री फैज अहमद किदवई, प्रमुख सचिव श्री मनोज गोविल, प्रबंध संचालक मार्कफेड श्री पी. नरहरि आदि उपस्थित थे।

सभी जिलों में गत वर्ष से अधिक खरीदी

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के अंतर्गत इस वर्ष विदिशा छोड़कर प्रदेश के सभी जिलों में गत वर्ष की तुलना में कहीं अधिक खरीदी हुई है। सर्वाधिक खरीदी वाले जिलों में होशंगाबाद, रायसेन तथा सीहोर शामिल हैं, जिनमें गत वर्ष की तुलना में क्रमश: 217 प्रतिशत, 310 प्रतिशत तथा 321 प्रतिशत खरीदी हुई है। वर्ष 2019-20 में प्रदेश में कुल 25 लाख 85 हजार मैट्रिक टन तथा वर्ष 2018-19 में प्रदेश में कुल 21 लाख 96 हज़ार मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी।

2 लाख 24 हज़ार मैट्रिक टन ज्वार एवं बाजरे की खरीदी

समर्थन मूल्य पर इस वर्ष कुल 2 लाख 24 हज़ार 919 मीट्रिक टन ज्वार एवं बाजरे की खरीदी की गई है। कुल 6491 किसानों ने समर्थन मूल्य पर ज्वार तथा 35926 किसानों ने समर्थन मूल्य पर बाजरा विक्रय किया गया है। इनकी कुल 497 करोड़ रुपए खरीदी राशि है, जिसके विरुद्ध किसानों को 496 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।

उपार्जन के दौरान मिलिंग प्रारंभ कराई गई

इस बार सरकार ने पहली बार धान के उपार्जन के दौरान मिलिंग करने की नीति बनाई। उपार्जन के दौरान मिलर्स द्वारा 60 हज़ार 597 मीट्रिक टन धान का उठाव किया गया। मिलर्स द्वारा सर्वाधिक उठाव जबलपुर जिले में 37 हजार 800 मीट्रिक टन किया गया। बरसात से पूर्व खरीदी गई संपूर्ण धान की मिलिंग कराए जाने के निर्देश दिए गए।

 

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