फसल की खेती (Crop Cultivation)

नर्मदापुरम् में मूंग पर मारुका की मार

31 मई 2023, नर्मदापुरम (कृषक जगत) । नर्मदापुरम् में मूंग पर मारुका की मार –  वर्तमान में क्षेत्र की ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में एक प्रमुख कीट चित्तीदार फली छेदक इल्ली फसल को नुकसान पंहुचा रही है। इसको मारुका विट्राटा (लेपिडोप्टेरा) भी कहते हैं। यह फलीदार पौधों का एक कीट है जो प्रारंभिक रूप से कलियों, फूलों और पत्तियों को नुकसान करती है एवं बाद में फलियों में छेद करके बीजों को खा कर नुकसान करती है। ये अरहर, सोयाबीन एवं अन्य दलहनी फसलों को भी नुक़सान पहुँचाता है।

पहचान के लक्षण

इस कीट के अंडे हल्के क्रीम रंग के होते हंै मादा कीट अंडे तनों, नई पत्तियों, फूलों और फलियों पर एक-एक करके रखती हैं। अंडों से निकलने वाली इल्लियाँ लगभग एक सप्ताह तक फूलों के अन्दर भोजन करती हैं; फिर वे फलियों में चली जाती हैं। इल्लियाँ हल्के क्रीम रंग की होती हैं एवं उनकी पीठ पर काले बिंदुओं की दो पंक्तियाँ होती हैं। व्यस्क पतंगे पर भूरे रंग के पंख होते हैं, जिनमें सफेद धब्बे होते हैं। पीछे के पंख ज्यादातर भूरे रंग की सीमा के साथ सफेद      होते हैं।

किसान भाई सतत निरीक्षण कैसे करें?

इल्लियों द्वारा बनाए गए जाले से बंधे हुए क्षतिग्रस्त फूलों, पत्तियों और फलियों को देखें। प्रवेश छिद्रों के आसपास कीट का मल और फली के खाये गए अवशेषों की जांच करें। क्षतिग्रस्त फली के अंदर इल्ली को देखें वह पीले रंग की होती है और उनकी पीठ पर काले निशान की दो कतारें होती हैं। पतंगा भूरे रंग का होता है जिसके आगे के पंखों पर सफेद धब्बे होते हैं।

नियंत्रण के लिए सलाह

किसान भाई इस कीट का खेत में सघन निरीक्षण करें एवं कीट की उपलब्धता होने पर जैविक कीटनाशी व्यूबेरिया बेसियाना की 400 मि.ली. मात्रा एवं रासायनिक कीटनाशी स्पाइनेटोरम 11.7 एससी की 160-180 मि.ली. मात्रा या फ्लूबेंडियामाइड 39.35 एससी की 40-50 मि.ली. मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलकर सुबह या शाम के समय छिडक़ाव करें। अधिक जानकारी के लिए जिले के कृषि विभाग एवं कृषि विज्ञान केंद्र में संपर्क करें।

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