फसल की खेती (Crop Cultivation)

रबी सब्जियों में एकीकृत कीट प्रबंधन

हमारे देश का एक बड़ा भाग कृषि उत्पादन पर निर्भर करता है। रबी सब्जियों में एकीकृत कीट प्रबंधन की आवशकता हैै।

अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए रसायनिक उर्वरकों का अधिक एवं अनियमित प्रयोग किया जाता रहा हैै।

रसायनिक उर्वरक व कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से भूमि के भौतिक व रसायनिक गुणों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है तथा पर्यावरण संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो रही है।

उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पर्यावरण और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से एकीकृत कीट प्रबंधन के प्रयोग को बढ़ावा दें। निम्न विधियों से हम उचित कीट प्रबंधन कर सकते हैं।

टमाटर – सफेद मक्खी, जैसिड, फसल भेदक इल्ली
  • खेत की अच्छी गहरी जुताई करने से छिपी हुई इल्लियां शंखी एवं प्रौढ़ पक्षियों द्वारा चुन कर खा लिए जाते हैं। फल भेदक इल्लियों को इकट्ठा कर नष्ट करना प्रभावकारी होता है।
  • फसल की आरंभिक अवस्था में जैसिड या सफेद मक्खी का आक्रमण होने पर डायमिथिएट या मिथाइल आक्सीडिमेटान 1 लीटर प्रति हेक्टयर की दर से छिड़काव करें।
  • पीला गेंदा के 30 दिन एवं टमाटर के 25 दिन के रोपा को टमाटर की 16 लाईनों के बाद एक लाईन गेंदा की लगाने से फल भेदक की पंखी गेंदा फूलों पर आकर्षित होकर अण्डे देती है। इस प्रकार गेंदा पर कम मात्रा में कीटनाशक का छिड़काव कर कीट नियंत्रण कर सकते हैं।
  • फेरोमन प्रपंच में हेलील्योर लगाकर भेदक नर कीट को आकर्षित कर प्रकोप कम कर सकते हैं। 10 प्रपंच/ हे.
  • नीम आधारित कीटनाशकों का 3.0 से 3.5 ली./हे. का छिड़काव प्रारंभिक अवस्था में प्रभावकारी रहता है। बी. टी. युक्त जीवाणु दवा का 1.0 से 1.5 कि.ग्रा /हे. का छिड़काव छोटी इल्लियों होने पर तथा दूसरा 15 दिन के अंतर से करें।
मिर्च एवं बैंगन: जैसिड एवं सफेद मक्खी , तना भेदक एवं फल भेदक 
  • फसल की प्रारंभिक अवस्था में डायमिथिएट 30 ई.सी. 1.5 मि.ली. प्रति हेक्टेयर का छिड़काव कीटों का नियंतर करता है।
  • गहरी जुताई करने तथा खेत में सफाई रखने से सफेद मक्खी एवं भेदक कीट से बचा जा सकता है।
  • सहनशील जातियों जैसे पूसा क्रांंति, अर्का अनामिका का चयन करें।
  • फल आने की अवस्था में नीम आधारित रसायनों का 3.0 से 3.5 ली./हे. या बी.टी. दवाओं का 1.0 से 1.5 ली./हे. छिड़काव भेदक कीट की रोकथाम करता है।
तना भेदक एवं फल भेदक:- 
  • गहरी जुताई करने से सफेद मक्खी एवं  भेदक कीट से बचा जा सकता है।
  • सहनशील जातियां जैसा पूसाक्रंति , पूसा कलस्टर, एवं लंबे पतले फसल वाली जातियों में भेदक कीट अपेक्षाकृत कम लगता है। प्रारंभिक अवस्था में मुरझाये तने को ऊपर से दबाकर इल्ली को नष्ट कर दें।
  • फल आने की अवस्था में नीम आधारित रसायनों का 3.0 से 3.5 ली./ हे. या बी.टी दवाओं का 1.0 से 1.5 ली./हे. दवाओं का 1.0 से 1.5 ली./हे. छिड़काव भेदक कीट की रोकथाम करता है।
गोभी वर्गीय सब्जियां: हीरकपंखी डायमंड बैकमॉथ
  • गहरी जुताई करने से इल्लियां आदि नष्ट हो जाती हैं।
  • बंद गोभी का प्रत्येेक 25 कतारों के बीच 2 कतारे फसल के चारों तरफ सरसों लगाने से मैनी एफिड एवं हीरकपंखी कीट सरसों पर आकर्षित होते हैं और बंदगोभी में कम नुकसान होता है।
  • फूल या बंद की अवस्था में नीम कीटनाशक 3.0 से 3.5 ली./हे. या बी. टी. 1.0 से 1.5 कि.ग्रा./हे. का छिड़केंं।
  • फसल के पास प्रकाश प्रपंच लगायें। फसल की ऊंचाई पर फेरोमोन ट्रेप लगाने से नर प्रौढ़ पंखी आकर्षित होती है जिन्हें पकड़कर नष्ट कर दें।

प्याज:- थ्रिप्स: 

  • ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई करें ताकि कीट के अंडे व प्यूपा तेज धूप में नष्ट हो जायें।
  • सिल्वर रंग के चिपकने वाले टे्रप का प्रयोग करें।
  • नियमित निंदाई – गुड़ाई करें तथा खेत की सफाई करें एवं ग्रसित पौधे को हटाकर दूर फेंके दें।
  • फसल की  प्रारंभिक अवस्था में डायमिथिएट 30 ई.सी. 1.5 मि.ली./हे. छिड़काव करें।
  • फल आने की अवस्था में नीम आधारित रसायनों का 3.0 से 3.5 ली./हे. छिड़काव करें।

प्याज की मक्खी: 

  • नियमित फसल चक्र अपनायें।
  • पीले चिपकने वाले ट्रेप का प्रयोग करें।
  • क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी 2 मिली. प्रति लीटर का घेाल बनाकर छिड़काव करें।
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *