Crop Cultivation (फसल की खेती)

Crop Cultivation includes package of practices (Kheti ki Jankari) and innovations in farming practices (Beej Upchar, Kharpatwar niyantaran, rogon aur sankraman se suraksha)

Cereal crops (अनाज की फसल) – Gehu, Dhan, Makka, Jau, Bajra, Jowar, Ragi, Kodo, Kutki.

Oil seeds (तिलहन) – Soybean, Canola, Sarso, Surajmukhi, Moongfali.

Pulses (दलहन फसल) – Moong, Arhar, Tur, Chana, Masoor, Urad.

Fibre crops (रेशे वाली फसलें) – Kapas (Cotton), Jute. Tuber crops (कंद की फसलें) – Aalu, shakarkand, shaljam, Arbi.

Spice crops (मसाला फसलें) – ilichai, laung, haldi, adrak, lehsun, jeera, Kela, ganna (Sugarcane), Mirch, dhaniya.

Cash crops (नकदी फसलें) – Chai, Coffee, Tambaku. 

Vegetable crops (सब्जियों की फसलें) – Pyaz, tamatar, baingan, lauki, gilki, kaddu, bhindi, palak, methi, gobhi.

Fruit crops (फल) – Angoor, Aam, sab, kela, Santara, Anar, amrood ki kheti ki jankari.

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सोयाबीन की बोवनी 4 इंच वर्षा होने के बाद ही करें

23 जून 2022, भोपाल । सोयाबीन की बोवनी 4 इंच वर्षा होने के बाद ही करें – भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर की अनुशंसा के आधार पर कृषि विभाग द्वारा जिले के किसानों को महत्वपूर्ण सलाह दी गई है कि

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खेती में फसल विविधीकरण की महत्ता

कविता, श्वेता सस्य विज्ञान विभागचौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विवि, हिसार 23 जून 2022,  खेती में फसल विविधीकरण की महत्ता – भारतीय कृषि में हरित क्रांति के बाद से किसानों का एकमात्र ध्यान खाद्य फसलों के उत्पादन बढ़ाने की तरफ

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केला उत्पादक किसानों को महत्वपूर्ण सुझाव

23 जून 2022, बुरहानपुर । केला उत्पादक किसानों को महत्वपूर्ण सुझाव – उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक श्री आर.एन.एस.तोमर ने केला उत्पादक किसानों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं । उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में जिले में तापमान कम हुआ

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पूसा बासमती-1886 (झुलसा और झोंका रोगरोधी)

21 जून 2022, नई दिल्ली । पूसा बासमती-1886 (झुलसा और झोंका रोगरोधी) – पूसा बासमती 1401 को झुलसा और झोंका रोगरोधी बनाकर पूसा बासमती-1886 विकसित की गई है, जिसकी गुणवत्ता भी अच्छी है और 155 दिन में पकने वाली किस्म है। यह

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पूसा बासमती-1847 (झुलसा और झोंका रोगरोधी)

21 जून 2022, नई दिल्ली । पूसा बासमती-1847 (झुलसा और झोंका रोगरोधी) – पूसा बासमती-1509 को सुधारकर पूसा बासमती-1847 किस्म विकसित की है। 125 दिन की परिपक्वता है और अन्य गुण 1509 समान है। पूसा बासमती-1509 से 5 क्विंटल/एकड़ अधिक उपज देती है।

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पूसा बासमती-1885 (झुलसा और झोंका रोगरोधी)

21 जून 2022, नई दिल्ली । पूसा बासमती-1885 (झुलसा और झोंका रोगरोधी) – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा पूर्व में विकसित और प्रचलित धान किस्म पूसा बासमती-1121 को सुधार कर और रोग रोधी बनाकर नई किस्म पूसा बासमती-1885 विकसित की गई है। इसकी परिपक्वता

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पूसा सांबा 1850 धान की किस्म

21 जून 2022, नई दिल्ली । पूसा सांबा 1850 धान की किस्म – विवरण: पूसा सांबा 1850 बीपीटी 5204 (सांबा महसूरी) की एक एमएएस व्युत्पन्न विस्फोट प्रतिरोधी निकट-आइसोजेनिक लाइन है जिसमें 140-145 दिनों की बीज से बीज परिपक्वता और औसत उपज

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पूसा बासमती 1692 धान की किस्म

21 जून 2022, नई दिल्ली । पूसा बासमती 1692 धान की किस्म – विवरण: पूसा बासमती 1692 जल्दी पकने वाली बासमती धान की किस्म है, जिसमें 110-115 दिन की परिपक्वता होती है और बहुत अधिक उपज होती है। इसकी जल्दी परिपक्वता

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पूसा बासमती 1 धान की किस्म

21 जून 2022, नई दिल्ली । पूसा बासमती 1 धान की किस्म – विवरण: बासमती उत्पादक क्षेत्रों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू और कश्मीर के लिए 1989 के दौरान सीवीआरसी द्वारा जारी मुख्य विशेषता: पहली अर्ध-बौनी, उच्च

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पूसा 44 धान की किस्म

21 जून 2022, नई दिल्ली । पूसा 44 धान की किस्म – विवरण: सीवीआरसी द्वारा 1993 में कर्नाटक और केरल में व्यावसायिक खेती के लिए जारी किया गया लेकिन पंजाब राज्य में बहुत लोकप्रिय है। मुख्य विशेषता: एक गैर-सुगंधित किस्म जो

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