चूजों का पोषण
नवजात चूजे का वजन अण्डे के वजन का लगभग 75 प्रतिशत होता है। एक नवजात चूजा लगभग 72 घण्टों तक बिना दाने के जीवित रह सकता है। परंतु प्रारंभिक दाना देने की शुरूआत शीघ्र करने से उसकी विकास दर अच्छी
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंपशुपालन (Animal Husbandry), मुर्गीपालन, मत्स्य पालन और मवेशी पालन से संबंधित समाचार और जानकारी। नवीनतम नीतियां, रुझान, प्रौद्योगिकी और किसान प्रथाएं। पशुओं का रखाव और पशुपालन (Animal Husbandry), पशुओं का टीकाकरण, इलाज, पशुओं को गर्मी से कैसे बचाए, पशुओं का दूध उत्पादन के लिए आहार। गए और बैलो का रखाव, गए और बैलो का का टीकाकरण, इलाज, गए और बैलो को गर्मी से कैसे बचाए, गए का दूध उत्पादन के लिए आहार। गए और बैलो (पशुओं ) को पैर और मुंह की बीमारी से कैसे बचाए। बकरी पालन, मुर्गी पालन, मछली पालन, गधा पालन, गए पालन, धान के खेत मैं मछली पालन, पिंजरे मैं मछली पालन, घरेलू पशुओं मे टीकाकरण, पशुओं को ठंड से बचाव के लिए सलाह। गए और बैलो (पशुओं ) के लिए चारा, हरा चारा, गीला चारा, बरसीम। पशुओं का दूध और उसकी गुणवत्ता कैसे बढ़ाएं? दूध उत्पादन के लिये सुझाव, जानिए खिलारी गाय की विशेषतांए, उत्पत्ति व उपयोग, गाए की देसी नस्ले। होलस्टीन फ्राइज़ियन की जानकारी, दूध उत्पादन, चारे की ज़रूरत। गीर, रेड सिंघी, साहीवाल, हल्लीकर, अमृतमहल, खिल्लारी, कंगायम, बरगुर, पुलिकुलम, आलमबदी, थारपारकर, हरिआना, कांकरेज, ओंगोले, कृष्णा वैली, दीयोनि, जर्सी, होलेस्टियन फ़्रेसिअन, ब्राउन स्विस, रेड डेन, आयरशायर, जर्सी क्रॉस, मुर्राह, सुरति, जाफराबादी, भदावरी, नीली रवि, मेहसाना, नागपुरी, तोडा एवं अन्य गाए, भैंस और पशुओं की नस्ल के बारे मैं जानकारी।
नवजात चूजे का वजन अण्डे के वजन का लगभग 75 प्रतिशत होता है। एक नवजात चूजा लगभग 72 घण्टों तक बिना दाने के जीवित रह सकता है। परंतु प्रारंभिक दाना देने की शुरूआत शीघ्र करने से उसकी विकास दर अच्छी
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभोपाल। पशुपालन, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने सहकारी दुग्ध संघ मुरैना द्वारा संचालित दुग्ध संयंत्र एवं रायरू में शासकीय कुक्कुट पालन प्रक्षेत्र का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार कड़कनाथ
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंप्रोबायोटिक क्या होते हैं? :प्रोबायोटिक शब्द की उत्त्पति ग्रीक भाषा के शब्द प्रायोबॉस (Probio) से हुई है, जिसका अर्थ होता है जीवन के लिए (for life)। परिभाषानुसार, ”प्रोबॉयोटिक जीवित माइकोबिल पूरक आहार है, जो पशु-पक्षी की आंत पर सकारात्मक प्रभाव
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंमधुमक्खी पालन के लिये स्थान निर्धारण :- ऐसे स्थान का चयन आवश्यक है जिसके चारों तरफ 2.3 किमी के क्षेत्र में पेड़ पौधे बहुतायत में हो जिनसे पराग मकरंद अधिक समय तक उपलब्ध हो सके। बॉक्म स्थापना हेतु स्थान समतल
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंडेयरी के लिए कुछ भी इतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि उसके खेत के जानवरों की नियमित प्रजनन क्षमता। देर से परिपक्वता, कम या कोई शांत नहीं करना, लंबी शुष्क अवधि, बार-बार गर्भपात करना कुछ सामान्य परेशानियां हैं जो जानवरों
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभारत में पशुपालन कृषि का सहायक माना जाता है। खेती में यंत्रीकरण के बाद भारवाहक पशुओं पर निर्भरता काफी कम हुई है। बावजूद इसके देश के कई हिस्सों में आज भी बैल, भैसा, ऊँट, घोड़ा, खच्चर, गधा, याक आदि खेतीबाड़ी
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंजबलपुर। पशुपालन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री श्री लाखन सिंह यादव का जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में आगमन हुआ। श्री यादव ने विवि में चल रहे अनुसंधान कार्यो का सूक्ष्म निरीक्षण कर कहा अनुसंधान कार्यों को वास्तविक रूप से
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंआंख की चोट :– किसी प्रकार की चोट लगने या आंख में धूल के कण, अनाज के छोटे-छोटे टुकड़े, कीड़े या बाल गिर जाने से पशुओं की आंखे दुखने लगती हैं, पलकें सूज जाती हैं और आंखों से पानी जैसा
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभोपाल। पशुपालन मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने निर्देश दिये हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सकों को कमी को देखते हुए शहरी क्षेत्रों में पदस्थ चिकित्सक अब सप्ताह में दो दिन अनिवार्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएँ
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें‘ब्रूसीलोसिस एक अत्यंत संक्रामक रोग है, जो ब्रूसेला जाति के जीवाणु द्वारा उत्पन्न होता है।’ इसे ‘लहरदार बुखार’, ‘भू-मध्यसागरीय ज्वर’, ‘माल्टा ज्वर’ के नाम से भी जाना जाता है। ब्रूसीलोसिस मुख्यत: मवेशियों शूकर, बकरी, भेड़ और कुत्तों को होने वाला पशुजन्य
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