मधुमक्खी पालन कम लागत में अधिक मुनाफा
मधुमक्खी पालन के लिये स्थान निर्धारण :-
- ऐसे स्थान का चयन आवश्यक है जिसके चारों तरफ 2.3 किमी के क्षेत्र में पेड़ पौधे बहुतायत में हो जिनसे पराग मकरंद अधिक समय तक उपलब्ध हो सके।
- बॉक्म स्थापना हेतु स्थान समतल व पानी का उचित निकास होना चाहिए स्थान के पास का बाग या फलोद्यान अधिक घना नहीं होना चाहिए ताकि गर्मी के मौसम में हवा का आवागमन सुचारू हो सके।
- जहाँ मौन गृह स्थापित हो वहाँ स्थान छायादार होना चाहिए दो मौनगृह के मध्य चार से पांच मीटर का फासला होना आवश्यक है। उन्हें पंक्ति में नहीं लगाकर बिखरे रूप में लगाना चाहिए एक स्थान पर 50-100 मौनगृह स्थापित किया जा सकते हैं।
- हर बॉक्स के सामने पहचान के लिये कोई खास पेड़ य निशानी लगानी चाहिए ताकि मधुमक्खी अपने ही मौनगृह में प्रवेश करे।
- निरीक्षण के समय यह ध्यान देना चाहिए कि मौनगृह में नमी तो नहीं है अन्यथा उसे धूप दिखाकर सुखा देना चाहिए।
मधुमक्खी फार्म, की जानकारी:- मधुमक्खी पालन से किसान भाई कम समय में काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं फार्म के एक मधुमक्खी को डिब्बे में से आपको वर्षभर में 50 ग्राम शहद और 2-3 डिब्बे मधुमक्खियाँ प्राप्त हो जाती हैं इन नई मधुमक्खियों से आपको पुन: इस व्यापार को करने में मदद प्राप्त होती है।
मधुमक्खियों की संख्या :- एक डिब्बे में कुल 3 प्रकार की मधुमक्खियां रखी जाती हैं इन तीन प्रकार की मधुमक्खियों में रानी मधुमक्खी, नर, और श्रमिक मधुमक्खी शामिल होती है एक डिब्बे में श्रमिक मधुमक्खी की संख्या 30000-1 लाख तक होती है इसमें नर मधुमक्खी की संख्या 100 के आस-पास की होती है इसमें रानी मधुमक्खी की संख्या केवल 1 होती है।
शहद बनाने की प्रक्रियासबसे पहले आपको मधुकोष से मधुमक्खी के छत्ते को अलग करने की आवश्यकता होती है मधुकोष को हटाने की कुछ विशेष प्रक्रियाएं हेाती है। जिसे बीकीपर्स जानते हैं |