मॅकेरीना से लहलहाई सोयाबीन – सायटोजाइम – यूपीएल टीम ने फसलों का निरीक्षण किया
भोपाल। विदिशा जिले के सिरोंज के ग्राम चप्पू के किसान श्री हजारी लाल की सोयाबीन की फसल में न तो फूल आ रहे थे न ही फली बन रही थी। वे इस मृत प्राय फसल को नष्ट करने वाले थे। इस स्थिति में उन्होंने फसल पर मॅकेरीना का छिड़काव किया। अब उनकी फसल स्वस्थ है और उन्हें आशा है कि 6-7 क्विं प्रति एकड़ की दर से उत्पादन मिलेगा। यह जानकारी श्री हजारी लाल ने सायटोजाइम तथा यू.पी.एल की संयुक्त टीम को दी। इस टीम में सायटोजाइम के बिजनेस डायरेक्टर (साउथ एशिया) श्री आर.के. गोयल, बिजनेस मैनेजर श्री उमेश वर्मा, यू.पी.एल के हेड स्ट्रेटेजिक मार्केटिंग श्री पुनीत गौतम, मार्केटिंग मैनेजर (एम.पी.) श्री एस. के. पांडे, फील्ड आफीसर विदिशा श्री विकास मिश्रा शामिल थे। टीम ने विदिशा जिले में सोयाबीन फसल का निरीक्षण किया। सायटोजाइम यूएसए के मॅकेरीना का भारत में विपणन यूपीएल द्वारा किया जा रहा है। श्री केवल सिंह पटेल ग्राम मोखलीखेड़ा ने अपने 100 एकड़ खेत में मॅकेरीना का उपयोग किया है। इसके परिणाम से चकित श्री पटेल कहते हैं कि इसके पूर्व किसी उत्पाद के ऐसे परिणाम नहीं देखे हैं। सोयाबीन की फसल फूलों व फलियों से भरपूर है। एक-एक पौधे में 70-75 फलियां तक लगी हैं।
मॅकेरीना का उपयोग सभी फसलों जैसे सोयाबीन, कपास, धान, मूंग, उड़द, फल एवं सब्जियों में किया जा सकता है। इसका 250 मिली प्रति एकड़ की दर से 2 से 3 बार उपयोग करना चाहिये।