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सिंहस्थ में किसानों के उत्पादों की होगी सीधी बिक्री कृषि विज्ञान केंद्र निभाएंगे विशेष भूमिका : डॉ. पस्तोर

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उज्जैन। सिंहस्थ-2016 में स्व-सहायता समूहों एवं अन्य गुणवत्तापूर्ण ग्रामीण उत्पादों को अच्छा बाजार मिलने की संभावना है। प्रदेश के कृषि विज्ञान केन्द्र इन उत्पादों की मार्केटिंग, प्रोडक्शन का पर्याप्त अध्ययन कर इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। सिंहस्थ का लाभ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वृद्धि करने के लिये किया जा सकता है। प्रतिदिन उज्जैन में 10 हजार श्रद्धालु आम दिनों में आते हैं, यदि 10 प्रतिशत ही हाट बाजार पहुंचने लगें तो ग्रामीण उत्पादकों को अधिक खरीदार मिलेंगे। वहीं, कम दाम में शहरी लोगों को शुद्ध व उच्च गुणवत्तायुक्त सामग्री मिलेगी।
इन सामग्रियों पर फोकस
संभागायुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने ऑर्गेनिक खाद्य सामग्री, ड्यूरम गेहूं, सोया आटा, हैण्डमेड आयटम (बांस के प्रसाद के डब्बे, पूजा की थाली, पेपर बेग), मिट्टी के बर्तन, सुराही, धार की मिर्च पावडर, अहिरगुंडी, सीहोर से तुलसी की कंठीमाला, रायसेन से सत्तू, सतना में तैयार आंवला कैंडी-मुरब्बा, नीमच के औषधीय मसाले आदि की मार्केटिंग एवं उत्पादन के लिये तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने का आह्वान कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों से किया। बैठक में केवीके संचालक विस्तार एस.के. श्रीवास्तव, आईसीएआर के झोनल अधिकारी अनुपम मिश्रा मौजूद थे।

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