पशुपालक ध्यान दें, माँग के अभाव में दूध न फेंके
इन दिनों समाचार मिल रहे हैं कि कोरोना महामारी के चलते दूध की खपत शहरों में कम हो गई है । गौपालक दूध विक्रेता दूध को माँग के अभाव में फेंक रहे हैं । यह दुखद स्थिति है । डॉ.
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंइन दिनों समाचार मिल रहे हैं कि कोरोना महामारी के चलते दूध की खपत शहरों में कम हो गई है । गौपालक दूध विक्रेता दूध को माँग के अभाव में फेंक रहे हैं । यह दुखद स्थिति है । डॉ.
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंजयपुर में पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन पर राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन जयपुर। राजस्थान पशुुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा ‘कृषि अर्थव्यवस्था और उद्यमशीलता बढ़ाने हेतु उच्च गुणवत्ता वाले पशु उत्पादों को प्राप्त करने के लिए पशुधन प्रबंधन के प्रतिमानों में बदलाव’
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभोपाल। किसानों की आमदनी दुगुनी करने के प्रयासों में कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की भूमिका महत्वपूर्ण है। किसान समूहों के गठन से किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिलने के श्रेष्ठ अवसर उपलब्ध होते हैं। उल्लेखनीय है कि एफपीओ
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभोपाल/इन्दौर। किसानों को परम्परागत खेती करने के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उद्यानिकी फसलों का रकबा बढ़ाकर किसानों को फसल चक्र बदलने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है इसके लिए अधिकारी कार्ययोजना बनाएं। क्योंकि सरकार खाद्य
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभोपाल/इन्दौर। किसानों को परम्परागत खेती करने के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उद्यानिकी फसलों का रकबा बढ़ाकर किसानों को फसल चक्र बदलने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है इसके लिए अधिकारी कार्ययोजना बनाएं। क्योंकि सरकार खाद्य
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंफ्लोराइड एक मूल तत्व है जो पृथ्वी के थर में, पानी में, खाने में, हवा में, प्रसाधन, दवाइयां तथा ओर्गनो फ्लोराइड युक्त कीटनाशी दवाइयों में, जैसे एमीडोफ्लूमेट, ब्रोमैथलीन, क्लोरफेनयापर, फ्लॉजोलेट, फ्लूरोसालन, हलफेनप्रोक्स ट्रालोंपैरिल और थाईफ्लूजामाइड मौजूद होता है अगर फ्लोराइड
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंदेश में पिछले दस वर्षों में फसलों के उत्पादन में एक सकारात्मक वृद्धि देखी गई है। साथ-साथ फसल उत्पादन की लागत में भी वृद्धि हुई है जिसके कारण किसानों की आय तथा उनके जीवन स्तर में सुधार तो आया है
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसन् 2012 में पशुओं की संख्या की गणना अनुसार देश में 1909 लाख गऊ प्रजाति हैं, इनमें से 1511.7 लाख गायें देशी प्रजाति की हंै तथा 397.3 गायें विदेशी व संकर जाति की हंै, जबकि 1992 में देशी गाय प्रजाति
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभोपाल। प्रदेश में वर्ष 2002 में बंद की गई गौ-शालाओं को पुनर्जीवित किया जायेगा। पशुपालन मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने यह बात आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चातुर्मास में आयोजित दयोदय महासंघ अधिवेशन-2016 में कही। अधिवेशन में पूरे
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभारत गर्म जलवायु वाला देश है, लेकिन राजस्थान में विशेषकर गर्मी मौसम बहुत ही कष्ट और पीड़ादायक होता है। अप्रैल में धूल भरी आंधिया, सांय-सांय की आवाज करती गर्म लू की लपटें इस मौसम की खास विशेषता है. इससे सजीव
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