राज्य कृषि समाचार (State News)

छत्तीसगढ़ का युवा महोत्सव: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में “मड़ई 2024” का रंगारंग आगाज़

20 दिसंबर 2024, रायपुर: छत्तीसगढ़ का युवा महोत्सव: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में “मड़ई 2024” का रंगारंग आगाज़ – छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में 19 से 22 दिसंबर तक आयोजित चार दिवसीय अंतर महाविद्यालयीन युवा महोत्सव “मड़ई 2024” का भव्य शुभारंभ हुआ। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ की लोक कला, संस्कृति और परंपराओं का प्रदर्शन करते हुए प्रदेशभर के 30 कृषि महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। मड़ई महोत्सव का उद्देश्य युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देना और क्षेत्रीय संस्कृति के संरक्षण को बढ़ावा देना है।

भव्य शोभायात्रा में बिखरी लोक संस्कृति की छटा

महोत्सव की शुरुआत एक रंगारंग शोभायात्रा से हुई, जिसमें छत्तीसगढ़ की विविध लोक परंपराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक धरोहरों को झांकियों और नृत्य-गीतों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। शोभायात्रा में कर्मा, पंथी नृत्य, राऊत नाचा, सरगुजिहा नृत्य, मुड़िया नृत्य और गौरी-गौरा जैसे छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही, बस्तर दशहरा, अक्ती तिहार और महिषासुर मर्दन जैसे विषयों पर आधारित झांकियां भी शामिल रहीं।

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इन झांकियों ने न केवल सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, नारी सशक्तिकरण, सुपोषण और कृषि विकास जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश भी दिए।

महोत्सव में एक हजार से अधिक छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं। शुभारंभ समारोह में कृषि महाविद्यालय भाटापारा की छात्रा भूमिका साहू ने छत्तीसगढ़ के राजगीत “अरपा पैरी के धार” का सुमधुर गायन किया। इसके अलावा, बस्तर की आदिवासी संस्कृति को नृत्य और गीतों के माध्यम से प्रस्तुत कर शहीद गुंडाधुर कृषि महाविद्यालय, जगदलपुर के विद्यार्थियों ने सबका ध्यान आकर्षित किया।

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चार दिनों तक विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन

“मड़ई 2024” में कला और संस्कृति पर केंद्रित 25 प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। पहले दिन एकल अभिनय, तात्कालिक भाषण, ऑन-द-स्पॉट पेंटिंग, एकांकी, समूह गायन और कोलाज मेकिंग जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। दूसरे दिन मूक अभिनय, भाषण, वाद-विवाद, रंगोली, पोस्टर मेकिंग, क्ले मॉडलिंग और डिजिटल फोटोग्राफी जैसी गतिविधियां आयोजित होंगी।

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22 दिसंबर को समापन समारोह के साथ विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

आयोजन के उद्देश्य और महत्त्व

कार्यक्रम के शुभारंभ में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि इस तरह के आयोजनों का उद्देश्य विद्यार्थियों की कला और सांस्कृतिक प्रतिभाओं को निखारना है। “मड़ई” महोत्सव 30 वर्षों से विद्यार्थियों के बीच उत्साह और प्रेरणा का माध्यम बना हुआ है।

आयोजन सचिव डॉ. बी.पी. कतलम ने सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का आभार व्यक्त किया। महोत्सव के माध्यम से विश्वविद्यालय ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि युवा शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर के मेल से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

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