राज्य कृषि समाचार (State News)पशुपालन (Animal Husbandry)

पशुओं के उपचार हेतु संजीवनी 1962 का व्यापक प्रचार-प्रसार  

17 जनवरी 2025, विदिशापशुओं के उपचार हेतु संजीवनी 1962 का व्यापक प्रचार-प्रसार – पशुओं के उपचार हेतु जिले में टोल फ्री संजीवनी 1962 के तहत प्राप्त सूचनाओं के आधार पर शीघ्रातिशीघ्र चिकित्सकों के द्वारा सूचना स्थल पर पहुंचकर पशुओं का उपचार किया जा रहा है।

पशु चिकित्सा सेवा विभाग के उप संचालक डाॅ एनके शुक्ला ने बताया कि जिले के  पशुपालकों  को संजीवनी 1962 की जानकारियां सुगमता से प्राप्त हो, इसके लिए हरेक ग्राम पंचायत स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में जारी पशुगणना के साथ-साथ संजीवनी 1962 की जानकारी दी जा रही है।

ठंड से बचाव –    डाॅ शुक्ला ने जिले के सभी  पशुपालकों से  आह्वान  किया है कि जिले में जारी शीत लहर व ठंड से पशुधन को नुकसान ना हो इसके लिए बेजुवान पशुओं का भी ध्यान  रखें ,ताकि ठंड से बच सकें। बचाव के संबंध में बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में  उन्होंने  बताया कि सर्दी के मौसम में पशुओं को जूट की बोरी व मोटे  कपड़े से ढंके । ठंडी और प्रतिकूल हवाओं से बचाने के लिए सुरक्षित आश्रय  बनाएं , फर्शी जमीन पर सूखी घास या बिछावन  डालें  जिस पर पशु सुगमता से बैठ सकें। उन्होंने पशुओं को आहार में गुड़, हरा चारा, खली और दाना खिलाने पर बल दिया है। शीतकाल के दौरान साफ  सफाई और नियमित देखभाल और निगरानी के संबंध में भी आवश्यक सुझाव  पशुपालकों को दिए गए ।

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