भाद्रपद माह में ही क्यों मनाई जाती है हरतालिका तीज
04 सितम्बर 2024, भोपाल: भाद्रपद माह में ही क्यों मनाई जाती है हरतालिका तीज – सनातन धर्म में हरतालिका तीज के त्योहार का विशेष महत्व है। यह व्रत विवाहित महिलाओं और कुंवारी लड़कियों के द्वारा किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की रेत या मिट्टी द्वारा प्रतिमा बनाई जाती है जिसकी विशेष पूजा की जाती है।
प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज का धर्व मनाया जाता है। यह त्योहार देवों के देव महादेव और मां पार्वती को समर्पित है। इस खास तिथि पर सच्चे मन से प्रभु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। क्या आपको पता है कि हरतालिका तीज व्रत क्यों किया जाता है।
हरतालिका तीज व्रत को विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। वहीं, कुवारी लड़किया मनवाहे पर और जल्द विवाह के लिए व्रत करती हैं। इस दिन शिव जी और मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा- अर्चना कर प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। चार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से साधक के वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही सुख-शांति की प्राधि होती है
हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 5 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर होगी। वहीं. इस तिथि का समापन 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर को किया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 2 से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक है। इस मुहूर्त में उपासना करने से साधक को दोगुना फल प्राप्त होगा I
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