मध्यप्रदेश: सहकारी समितियों और किसानों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम, सीपीपीपी विंग की होगी स्थापना
14 मई 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश: सहकारी समितियों और किसानों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम, सीपीपीपी विंग की होगी स्थापना – मध्यप्रदेश में सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने और निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने को-ऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (सीपीपीपी) मॉडल के तहत एक नई पहल शुरू की है। इसके लिए एक विशेष “सीपीपीपी विंग” की स्थापना का निर्णय लिया गया है, जो सिंगल विंडो सिस्टम के रूप में काम करेगा। यह विंग सहकारी समितियों, किसानों और निजी निवेशकों की समस्याओं का त्वरित समाधान प्रदान करने का दावा करता है।
मंगलवार को भोपाल में सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीपीपीपी मॉडल की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के निर्देशों के पालन पर जोर दिया गया। मंत्री ने निर्देश दिए कि सीपीपीपी विंग के लिए अलग कार्यालय स्थापित किया जाए और एमओयू की प्रगति की नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए। बैठक में प्रबंध संचालक विपणन संघ आलोक कुमार सिंह, आयुक्त सहकारिता मनोज पुष्प सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
सिंगल विंडो सिस्टम से क्या होगा?
सीपीपीपी विंग का उद्देश्य सहकारी समितियों, किसानों और निवेशकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाना है। यह विंग निवेश से जुड़ी अनुमतियों, प्रक्रियाओं और मार्गदर्शन के लिए एकीकृत मंच प्रदान करेगा। सहकारी बैंकों, समितियों, किसानों और निजी उद्यमियों के बीच एमओयू की प्रक्रिया को सुगम बनाने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, इस सिस्टम की प्रभावशीलता इस बात पर निर्भर करेगी कि यह कितनी तेजी और पारदर्शिता के साथ धरातल पर काम करता है।
सीपीपीपी विंग भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के साथ मिलकर काम करेगा। यह केंद्र और राज्य सरकार की सहकारी योजनाओं को लागू करने में मदद करेगा, ताकि किसानों, नए उद्यमियों और सहकारी संस्थाओं को योजनाओं का लाभ मिल सके।
किसानों के लिए प्रशिक्षण और सेमिनार
बैठक में किसानों की उत्पादन गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश राज्य सहकारी संघ द्वारा प्रशिक्षण कार्यशालाओं के आयोजन का निर्णय लिया गया। इसके अलावा, एक बड़े सेमिनार की योजना भी बनाई गई है, जिसमें सफल सहकारी उद्यमियों, संस्थाओं और बेहतर प्रदर्शन करने वाले किसानों को आमंत्रित किया जाएगा। इसका मकसद अनुभवों और सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों का आदान-प्रदान करना है।
सहकारी समितियों की ग्रेडिंग
मंत्री ने प्रदेश की सहकारी समितियों की परफॉर्मेंस के आधार पर ग्रेडिंग करने के निर्देश दिए। यह ग्रेडिंग वित्तीय स्थिति, प्रबंधन की पारदर्शिता, सेवाओं की गुणवत्ता, लाभांश वितरण और सदस्यों को दी जाने वाली सुविधाओं के आधार पर होगी। इस प्रणाली से समितियों की कार्यक्षमता, पारदर्शिता और नवाचार की क्षमता का मूल्यांकन होने की उम्मीद है।
हालांकि, इस तरह की योजनाओं का असली प्रभाव तभी दिखेगा, जब इन्हें जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। सहकारी क्षेत्र में निजी निवेश और किसानों की भागीदारी बढ़ाने के लिए पारदर्शी और समयबद्ध कार्यान्वयन जरूरी होगा।
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