State News (राज्य कृषि समाचार)

रबी फसलों की उत्पादकता में हम कहाँ

Share

मध्यप्रदेश में शासन द्वारा रबी फसलों के वर्ष 2016-17 के बुवाई के रकबे के लक्ष्य निर्धारित कर दिये गये हैं। प्रदेश में रबी फसलों को 117 लाख हेक्टर में लेने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें से 64.22 लाख हेक्टर में गेहूं की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। यह कुल रकबे का लगभग 55 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गेहूं के रकबे में 5 लाख हेक्टर की वृद्धि की गयी है। मध्यप्रदेश में गेहूं की पैदावार 2405 किलोग्राम प्रति हेक्टर है। जबकि देश की औसत पैदावार 3145 किलोग्राम प्रति हेक्टर है। देश व प्रदेश में गेहूं की पैदावार में 738 किलोग्राम प्रति हेक्टर का यह 23 प्रतिशत अंतर एक बहुत बड़ा अंतर है। यदि हम प्रदेश की प्रति हेक्टर पैदावार की तुलना पंजाब (5017 किलो/हे.) तथा हरियाणा (4722 किलो/हे.) से करें तो हम कहीं नहीं टिकते हैं। भले ही हम अपनी उपलब्धियों का ढिण्डोरा पिटते रहें।

रबी दलहनी फसलों का 43.45 लाख हेक्टर लेने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें से 31.65 लाख हेक्टर चने की फसल लेने के लिए निर्धारित किया गया है। पिछले वर्ष (30.17 हे.) की तुलना में इसमें मात्र 1.48 लाख रकबे में वृद्धि करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बाजार में चने के अप्रत्याशित मूल्य वृद्धि इस वर्ष चने के रकबे को स्वत: बढ़ाने में सहायक होगी। वैसे भी चने के रकबे के मामले में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। परंतु मध्यप्रदेश में चने की प्रति हेक्टर पैदावार मात्र 1044 किलोग्राम प्रति हेक्टर है जबकि आंध्रप्रदेश, गुजरात, बिहार तथा पश्चिमी बंगाल उत्पादकता के मामले में कहीं आगे ही जहां चने की प्रति हेक्टर पैदावार क्रमश: 1439, 1251, 1213 तथा 1208 किलोग्राम ली जाती है, यहां भी उपलब्धि क्षेत्र की है  न कि उत्पादकता की। प्रदेश की रबी की दूसरी प्रमुख दलहन फसल मसूर है। इसके लिये 6.10 लाख हेक्टर में लेने का लक्ष्य है। इस फसल में भी क्षेत्र के आधार पर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। परंतु प्रदेश में इसकी उत्पादकता 584 किलो प्रति हेक्टर है। अन्य प्रदेशों की तुलना में सबसे कम है। वही बिहार (1151 किलो/हे.) तथा राजस्थान (1051किलो/हे.) प्रदेश की तुलना में प्रति हेक्टर दुगना उत्पादन ले रहे हैं।

रबी तिलहनो में प्रदेश की सबसे प्रमुख फसल सरसों है, क्षेत्र के हिसाब से राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश में इसकी खेती सबसे ज्यादा क्षेत्र में होती है। प्रदेश में इसकी उत्पादकता मात्र 1006 किलोग्राम प्रति हेक्टर है। जबकि गुजरात, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, पं. बंगाल में क्रमश: 1663, 1409, 1226, 1170, 1084 किलो प्रति हेक्टर की उत्पादकता ले रहे हैं। लगता है मध्यप्रदेश में रबी फसलों का रकबा बढ़ाकर उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य में कार्य किया जा रहा है। अनुकूल परिस्थितियों में किसान स्वयं ही अधिक जमीन पर खेती करने का प्रयास करता है। यदि किसान की आमदनी दुगनी करना हमारा उद्देश्य है तो हमें प्रति हेक्टर उत्पादकता बढ़ाने के लिये कृषि विभाग को लक्ष्य देने होंगे और हमें कम से कम प्रत्येक रबी फसलों की उत्पादकता देश की औसत उत्पादकता से ऊपर रखनी होगी।

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *