राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश में गेहूं उपार्जन शुरू, 10 लाख किसान कर चुके पंजीयन

20 मार्च 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश में गेहूं उपार्जन शुरू, 10 लाख किसान कर चुके पंजीयन – मध्यप्रदेश में 15 मार्च से गेहूं उपार्जन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब तक 10 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है, जबकि यह प्रक्रिया 31 मार्च तक जारी रहेगी। प्रदेश भर में 2691 उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां अब तक 1827 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है। राज्य सरकार किसानों को प्रति क्विंटल 175 रुपये का बोनस दे रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने प्रभार वाले जिलों में गेहूं उपार्जन की निगरानी करें।

बजट प्रावधानों के उचित उपयोग पर जोर

वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट को स्वीकृति मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे अपने विभागीय सचिवों और विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर निर्धारित राशि के नियमानुसार उपयोग की रणनीति बनाएं। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक से पहले मंत्रियों से चर्चा करते हुए कहा कि विभिन्न विभागों को अनुपूरक बजट के तहत मंजूरी दी गई है, जिसे 31 मार्च तक समुचित रूप से उपयोग किया जाना चाहिए।

अनुपूरक बजट में केपिटल मद के तहत 11,317 करोड़ रुपये और रेवेन्यू मद के तहत 7,889 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। जिन विभागों को इस बजट का समुचित उपयोग करना है, उनमें जल संसाधन, लोक निर्माण, नर्मदा घाटी विकास, ऊर्जा, कृषि, नगरीय विकास और आवास, वन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, उच्च शिक्षा, नवकरणीय ऊर्जा, ग्रामीण विकास और खाद्य विभाग शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि केंद्रांश की भी सतत निगरानी की जाए।

30 मार्च से जल गंगा संवर्धन अभियान

राज्य सरकार 30 मार्च से ‘जल गंगा संवर्धन अभियान-2025’ शुरू करने जा रही है, जो 30 जून तक चलेगा। इस अभियान के तहत जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन पर जोर दिया जाएगा। जलाशयों की सफाई, पौधारोपण, छोटी नदियों और तालाबों के संरक्षण सहित जल संरचनाओं की देखरेख के कार्य किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते वर्ष इस अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों में 1,000 करोड़ रुपये की लागत से 38,000 से अधिक कार्य पूरे किए गए थे, जबकि 300 करोड़ रुपये से 21,000 से अधिक जीर्णोद्धार और सुधार कार्य किए गए।

पिछले वर्ष नगरीय क्षेत्रों में जल संरचनाओं की क्षमता बढ़ाने के लिए लगभग 6.40 लाख घन मीटर गाद निकाली गई, जिससे जल संचयन क्षमता में 30 लाख घन मीटर का इजाफा हुआ। इस साल भी यह अभियान पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास, पर्यावरण, वन, संस्कृति और कृषि विभागों की सहभागिता से चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने प्रभार वाले जिलों में इस अभियान की समीक्षा करें।

31 मार्च तक गेहूं पंजीयन का अंतिम मौका

राज्य में 31 मार्च तक किसानों को गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन कराने का मौका मिलेगा। उपार्जन केंद्रों पर खरीदी प्रक्रिया जारी है और सरकार ने किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने की बात कही है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को उपार्जन केंद्रों पर पारदर्शिता और व्यवस्थाओं की निगरानी मजबूत करनी होगी ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

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