मध्य प्रदेश को देश की डेयरी केपिटल बनाएंगे: डॉ. यादव
23 जून 2025, भोपाल: मध्य प्रदेश को देश की डेयरी केपिटल बनाएंगे: डॉ. यादव – मध्यप्रदेश को देश की डेयरी केपिटल बनाएंगे। पशुपालन एवं डेयरी विभाग का नाम पशुपालन, डेयरी और गौपालन विभाग होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री निवास में राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में प्रदेश भर से आए गौ-पालकों और गौ-शाला संचालकों ने भागीदारी की। मुख्यमंत्री ने गौ-शालाओं को 90 करोड़ रुपए की अनुदान राशि सिंगल क्लिक से अंतरित की। इस अवसर पर डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के तीन हितग्राहियों को प्रतीक स्वरूप ऋण स्वीकृति आदेश भी दिए गए।
दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के ठोस प्रयास
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को देश की दुग्ध राजधानी बनाना है, राज्य शासन द्वारा इसके लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। पूरा प्रदेश वनों से आच्छादित है। वर्ष 2002-03 तक पशुपालन विभाग का बजट सिर्फ 300 करोड़ था, जो बढ़कर अब 2600 करोड़ हो गया है।
डॉ. अम्बेडकर कामधेनु योजना
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गाय का दूध सम्पूर्ण आहार है। राज्य में हाईटैक गौशालाएं संचालित हो रही हैं। डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना में गाय के पालन के लिए अनुदान दिया जा रहा है। गाय के गोबर से किसान खाद बनाएं, सरकार प्राकृतिक खाद से उत्पादित अनाज का ज्यादा भाव देगी। वर्तमान में इंदौर, देवास, रीवा एवं कुछ अन्य जिलों में गौ-शालाओं के माध्यम से सीएनजी गैस का उत्पादन किया जा रहा है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से अनुबंध किया है। प्रदेश का दूध उत्पादन पांच गुना करने का लक्ष्य है। वर्तमान में प्रदेश में साढ़े पांच करोड़ लीटर दूध उत्पादित होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 7 गौ-शालाओं को पुरस्कृत किया।
वरिष्ठ सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने कहा कि गौपालन और गौसेवा मुख्यमंत्री डॉ. यादव के जीवन का हिस्सा है। उन्होंने प्रदेश को पशुपालन में अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा है। यह प्रदेश में इस क्षेत्र का ऐतिहासिक सम्मेलन है।
सहकारिता मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा, गौ-माता की सेवा से पुण्य कार्य कोई नहीं हो सकता है। प्रदेश की समृद्धि के लिए गौ-पालन पर ध्यान देना होगा।
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