सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह (7-13 जुलाई 2025)
09 जुलाई 2025, इंदौर: सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह (7-13 जुलाई 2025) – राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर द्वारा इस सप्ताह सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह दी गई है। अधिकतर क्षेत्रों में सोयाबीन की बोवनी संपन्न होने की सूचनाएं हैं, जबकि अभी भी कुछ क्षेत्रों के किसान सोयाबीन की बोवनी करनेकी प्रतीक्षा में हैं. अतः विलम्बित बोवनी की परिस्थिति में सोया कृषकों को निम्न कृषि कार्य अपनाने की सलाह है-
ऐसे क्षेत्र जहां सोयाबीन की बोवनी की जा रही है/ होनी है –

1 – विलम्बित बोवनी की स्थिति में 30 सेमी. कतारों की दूरी तथा बीज दर बढ़ाकर (90-100 कि ग्रा./हे) करें।
2. विलम्बित बोवनी की स्थिति में शीघ्र समय अवधि में पकने वाली सोया किस्मों की खेती करें।
3. आपके क्षेत्र में मानसून के आगमन तिथि न्यूनतम 100 मि मी. वर्षा होने के पश्चात ही सोयाबीन की बोवनी करें।
4. विलम्बित बोवनी की स्थिति में खरपतवार प्रबंध की दृष्टि से जहां तक संभव हों, कल्टीवेटर चलाने के पश्चात बोवनी करे।
5. एक ही सोया किस्म के स्थान पर भिन्न -भिन्न समय अवधि में पकने वाली अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसित 2-3 किस्मों की खेती करें. जो किसान वर्ष भर में 3 फसलें लेते हैं, सोयाबीन की शीघ्र समयावधि वाली किस्म को लगाएं, जबकि केवल एक फसल लेने वाले कृषक मध्यम/अधिक समय परिपक्वता अवधि वाली किस्मों का चयन करें।
6. अच्छी गुणवत्ता (न्यूनतम 70% अंकुरण क्षमता) वाला बीज ही बोवनी के लिए उपयोग करें।
7. विपरीत मौसम ( सूखा/ अतिवृष्टि ) में फसल को बचाने हेतु सलाह है कि सोयाबीन की बोवनी बी.बी.एफ (चौड़ी क्यारी प्रणाली) या ( रिज -फरो पद्धति ) या रेज बेड पद्धति से करें।
8. संभव होने पर बी.बी.एफ/ रिज फरो पद्धति से बनी हुई नालियों में कीट आकर्षक फसल (सुवा/मेरीगोल्ड)की बोवनी करें।
9. विभिन्न रोगों/तना मक्खी/सफ़ेद मक्खी जैसे विष्णु वाहक कीटों से फसल की सुरक्षा हेतु FIR पद्धति से बीजोपचार हेतु अनुशंसित रसायनों का प्रयोग करें।
10. मध्य क्षेत्र के लिए अनु शंसित उर्वरकों की अनुशंसित मात्रा 25:60:40:20 kg/NPKS/ha की पूर्ति हेतु विभिन्न
विकल्प निम्नानुसार है –
1. यूरिया 56 किग्रा. + 375-400 किग्रा. सिंगल सुपर फास्फेट व 67 कि ग्रा म्यूरेट ऑफ़ पोटाश अथवा
2. डी.ए.पी 140 कि ग्रा .+ 67 कि ग्रा म्यूरेट ऑफ़ पोटाश +25 कि ग्रा/ हे बेन्टोनेट सल्फर अथवा
3. मिश्रित उर्वरक 12:32:16 @ 200 किग्रा + 25 किग्रा/ हे बेन्टोनेट सल्फर
4. आवश्यकतानुसार 25 किग्रा ज़िंक सलफे ट +50 किग्रा आयरन सल्फेट का प्रयोग करें।
11. उचित खरपतवार नियंत्रण हेतु कृ षकगण अपनी सुविधा केअनुसार बोवनी पूर्व उपयोगी/ बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी अनुशंसित खरपतवारनाशक का छिड़काव करें। कृषकों को सलाह है कि खरपतवार नाशक के उपयोग हेतु पर्याप्त पानी (नेपसेक स्प्रेयर से प्रति हेक्टर 450-500 लीटर जबकि पॉवर स्प्रेयर से 120 लीटर/हे.) का उपयोग करें ।
ऐसे क्षेत्र जहां सोयाबीन की बोवनी हुई है – 1. कुछ क्षेत्रों में बोवनी के बाद सोयाबीन का अंकु रण कमजोर होने के समाचार प्राप्त हुए है । ऐसे किसानों को सलाह है कि सुविधानुसार फिर से बोवनी करें या पौधों में अधिक अंतराल वाली कतारों में बीज डालकर
गैप फिलिंग करें।
2. हरदा एवं इंदौर के कुछ क्षेत्रों में जहां फसल 20 दिन की हुई है। अलसी की इल्ली का प्रकोप होने के समाचार है। कृषकों को सलाह है कि इनके नियंत्रण हेतु फ्लूबेन्डियामाइड 20 डब्ल्यू .जी. (250-300 ग्रा/हे) या फ्लू बेन्डियामाइड 39.35एस.सी (150 मि ली/हे) या इंडोक्सा कार्ब 15.8 EC (333 मि ली/हे) में से किसी एक कीटनाशक का छिड़काव करें।
3. इस समय तना मक्खी का प्रकोप प्रारंभ होने के सम्भावना होती है। अतः इसके नियंत्रण हेतु सलाह है कि पूर्व मिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60%+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी.(125 मि ली./हे.) का छिड़काव करें।
4. जिन्होंने बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशक का उपयोग नहीं किया है, कृषकों को सलाह है कि कोई एक खरपतवार नाशक का छिड़काव करें। छिड़काव करते हुए पर्याप्त पानी की मात्रा का प्रयोग करें। खड़ी फसल में उपयोगी खरपतवारनाशकों के प्रयोग हेतु फ्लडजेट या फ्लैट फेन नोजल का उपयोग करें।
5. संभव होने पर बी.बी.एफ/ रिज फरो पद्धति से बनी हुई नालियों या जिन कतारों में बीज कम उगा है , कीट आकर्षक फसल (सुवा/मेरीगोल्ड) की बोवनी करें ।
6. जिन रसायनों के मिश्रण के संबंध में कोई वैज्ञानिक अनुशंसा या पूर्व अनुभव नहीं है, ऐसे मिश्रण का उपयोग कदापि नहीं करें। इससे फ़सल को नुकसान हो सकता है।
तालिका 1: सोयाबीन में बीजोपचार के विकल्प तथा केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड
द्वारा जारी सूची (31 मार्च 2025) में शामिल रसायन –
विकल्प 1 – एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 2.5%+ थायोफिनेट मिथाईल 11.25%+ थायो मिथोक्सम 25% एफ.एस . (10 मि ली/ किग्रा बीज) + रायजो बियम जापोनिकम/पी.बी.एस. कल्चर 5)ग्रा. कि ग्रा/बीज/( ट्राइकोडर्मा विरिडे 10)ग्रा किग्रा/बीज ।
विकल्प 2 – पेनफ्लू फेन + ट्राय फ्लोक्सीस्ट्रोबिन FS (0.8-1.0 मि ली/ कि ग्रा.बीज) या कार्बोक्सिन 37.5% + थायरम 37.5% (3 ग्रा/ किग्रा .बीज) या कार्बेन्डाजिम 25%+मेन्कोजेब 50% डब्ल्यू.एस. (3 ग्रा/ कि ग्रा.बीज) या फ्लुक्सापय्रोक्साड 333 g/l SC (1मि ली/ कि ग्रा.बीज) + अनुशंसित कीटनाशक थायोमिथाक्सम 30 FS )10 मि ली ( कि ग्रा बीज/या इमिडाक्लोप्रिड 48 FS )1.25 मि ली( कि ग्रा/ + रायजोबियम जापोनिकम/पी.बी.एस. कल्चर 5)ग्रा. कि ग्रा/बीज/( ट्राइकोडर्मा विरिडे 10)ग्रा किग्रा/बीज ।
विकल्प 3 – जैविक सोयाबीन उत्पादन में बीजोपचार रायजोबियम जापोनिकम/पी.बी.एस. कल्चर 5)ग्रा. किग्रा/बीज/( ट्राइकोडर्मा विरिडे 10)ग्रा किग्रा/बीज । से करें।
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