गेहूं में अन्तः कर्षण क्रिया पर प्रशिक्षण
02 जनवरी 2025, टीकमगढ़: गेहूं में अन्तः कर्षण क्रिया पर प्रशिक्षण – कृषि विज्ञान केंद्र टीकमगढ़ द्वारा कृषि महाविद्यालय के छात्रों को गेहूं फसल पर बुवाई के 25-30 दिनों में फसल खरपतवारों की प्रतियोगिता को कम करने के लिए क्रांतिक अवस्था में अन्तः कर्षण क्रिया द्वारा जल, स्थान, पोषक तत्व एवं प्रकाश संश्लेषण को बढ़ाने के लिए विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया।
अन्तः कर्षण क्रिया में साइकिल ही द्वारा कतारों के बीच में लगे हुए चौड़ी एवं सकरी पत्ती के खरपतवारों को निकाला गया एवं विरलन क्रिया द्वारा फसल सघनता को कम किया गया, जिससे प्रति हेक्टेयर उचित पौध संख्या प्राप्त हो सके। गेहूं की फसल में प्रमुख रूप से बथुआ, खरतुआ, कृष्ण नील, चटरी-मटरी, हिरणखुरी, सतगढ़िया, गेहंसा, जंगलीजई, आदि खरपतवारों को विद्यार्थियों ने पहचान कर खेत से निकाला।
इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. डी. एस. तोमर, डॉ. एम. के. नायक, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बी.एस. किरार साथ ही वैज्ञानिक डॉ. आर. के. प्रजापति, डॉ. एस. के. सिंह, डॉ. यू.एस. धाकड़, डॉ. सतेन्द्र कुमार, डॉ. एस. के. जाटव एवं जयपाल छिगारहा उपस्थित रहे।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: