राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

रबी फसल अपडेट: गेहूं में उछाल, तिलहन में गिरावट– जानें विस्तार से

01 जनवरी 2025, नई दिल्ली: रबी फसल अपडेट: गेहूं में उछाल, तिलहन में गिरावट– जानें विस्तार से – कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 30 दिसंबर 2024 तक रबी फसलों के क्षेत्रीय कवरेज पर आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों में इस महत्वपूर्ण कृषि सत्र के दौरान फसल विविधता और उनके प्रदर्शन की झलक मिलती है। इस वर्ष कुल बुवाई क्षेत्र 614.94 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले वर्ष के 611.80 लाख हेक्टेयर से थोड़ा अधिक है। आइए फसलवार स्थिति का विस्तृत विश्लेषण करें।

गेहूं: मजबूत प्रदर्शन

रबी का मुख्य फसल गेहूं इस वर्ष भी अग्रणी बनी हुई है। 319.74 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई है, जो सामान्य रबी क्षेत्र (312.35 लाख हेक्टेयर) और पिछले वर्ष (313 लाख हेक्टेयर) से अधिक है। यह वृद्धि अनुकूल मौसम, घरेलू और निर्यात बाजार में मांग, और सरकार की बीज व उर्वरक समर्थन योजनाओं के चलते संभव हुई है। प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों ने समय पर बुवाई की, जिसका लाभ नमी की अच्छी स्थिति के कारण मिला।

धान: धीमी लेकिन स्थिर बढ़त

हालांकि धान आमतौर पर खरीफ फसल मानी जाती है, लेकिन दक्षिण और पूर्वी राज्यों में रबी धान की बुवाई का चलन बढ़ रहा है। इस बार रबी धान का क्षेत्र 14.37 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल के 13.61 लाख हेक्टेयर से थोड़ा अधिक है। बेहतर सिंचाई सुविधाओं और उच्च उपज देने वाली किस्मों के उपयोग ने इस वृद्धि में योगदान दिया है।

दालें: स्थिरता के बीच चुनौतियां

दालों की बुवाई का कुल क्षेत्र 136.13 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले वर्ष (136.05 लाख हेक्टेयर) के समान है।

  • चने (काबुली चना): 93.98 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के साथ चना सबसे प्रमुख दाल फसल है, जो पिछले साल से थोड़ा अधिक है।
  • मसूर: मसूर का क्षेत्र 17.43 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल के 17.76 लाख हेक्टेयर से कम है।
  • अन्य दालें: फील्डपी (8.94 लाख हेक्टेयर) और कुलथी (3.13 लाख हेक्टेयर) जैसी फसलों में स्थिरता देखी गई है।

सरकार द्वारा दालों को प्रोत्साहन देने के लिए मूल्य समर्थन योजनाएं और गुणवत्तापूर्ण बीज वितरण जैसे प्रयास इस श्रेणी में स्थिरता बनाए रखने में सहायक साबित हुए हैं।

श्री अन्न और मोटे अनाज: मिश्रित रुझान

मोटे अनाज, जिन्हें श्री अन्न पहल के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है, का क्षेत्र 48.55 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले साल के 47.77 लाख हेक्टेयर से अधिक है।

  •  ज्वार: 22.24 लाख हेक्टेयर के साथ यह प्रमुख मोटा अनाज बना हुआ है।
  • मक्का: मक्का का क्षेत्र 18.93 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया है, जो पशु चारे और औद्योगिक उपयोग में बढ़ती मांग को दर्शाता है।
  • जौ: जौ का क्षेत्र 6.62 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया, जो पिछले साल 7.01 लाख हेक्टेयर से थोड़ा कम है।

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के तहत इन जलवायु सहनशील फसलों को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता और समर्थन में वृद्धि हुई है।

तिलहन: क्षेत्र में गिरावट

तिलहन फसलों का कुल क्षेत्र 96.15 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले वर्ष (101.37 लाख हेक्टेयर) से कम है।

  • सरसों: 88.50 लाख हेक्टेयर के साथ यह प्रमुख तिलहन फसल है, लेकिन पिछले साल की तुलना में इसमें कमी आई है।
  • अलसी: अलसी का क्षेत्र 2.68 लाख हेक्टेयर तक बढ़ा है।
  • अन्य तिलहन: मूंगफली, सूरजमुखी, और तिल जैसी फसलों में मामूली गिरावट देखी गई है।

सरकार द्वारा तिलहन किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और सब्सिडी जैसी योजनाएं इस महत्वपूर्ण श्रेणी में उत्पादन को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही हैं।

क्रमफसलेंसामान्य क्षेत्र (डीईएस) (2018-19 – 2022-23)बोया गया क्षेत्र 30 दिसंबर 2024 तक
वर्तमान वर्ष 2024-25पिछला वर्ष 2023-24
1गेहूँ312.35319.74313
2चावल42.0214.3713.61
3दालें140.44136.13136.05
aचना100.9993.9893.17
bमसूर15.1317.4317.76
cमटर6.58.948.98
dकुल्थी1.983.133.42
eउड़द की दाल6.154.224.79
fमूंग की दाल1.440.860.87
gलैथिरस/ लतरी2.793.123.32
hअन्य दालें5.464.453.74
4 श्री अन्न एवं मोटे अनाज53.4648.5547.77
aज्वार24.3722.2422.52
bबाजरा0.370.120.14
cरागी0.740.490.58
dछोटा बाजरा0.150.150
eमक्का22.1118.9317.53
fजौ5.726.627.01
5तिलहन87.0296.15101.37
aरेपसीड और सरसों79.1688.593.73
bमूंगफली3.823.323.31
cकुसुम0.720.640.66
dसूरजमुखी0.810.590.33
eतिल0.580.130.25
fअलसी1.932.682.84
gअन्य तिलहन00.30.26
 कुल635.3614.94611.8

कुल दृष्टिकोण और चुनौतियां

रबी सीजन 2024-25 में कुल 614.94 लाख हेक्टेयर की बुवाई हुई है। हालांकि, बाजार कीमतों में उतार-चढ़ाव, क्षेत्रीय जलवायु परिवर्तन, और इनपुट लागत जैसी चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। फसल प्रदर्शन, मौसम के रुझान, और बाजार गतिशीलता की निगरानी से इस सत्र के लिए कृषि लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

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