दामों में गिरावट से टमाटर उत्पादकों के निकले आंसू
29 मार्च 2025, इंदौर: दामों में गिरावट से टमाटर उत्पादकों के निकले आंसू – अर्थशास्त्र में मांग और पूर्ति का एक नियम है, जिसके अनुसार बाज़ार में मांग की तुलना में जब-जब माल की पूर्ति बढ़ती है, तब-तब उस वस्तु के दाम गिरते हैं। यही हश्र इन दिनों टमाटर का हो रहा है। कृषक जगत से हुई चर्चा में निमाड़ – मालवा के टमाटर उत्पादक किसानों को टमाटर का उचित दाम नहीं मिलने से लागत भी नहीं निकल पा रही है। कहीं फसल को उखाड़ कर अन्य फसल की तैयारी की जा रही है , तो कहीं किसानों को मज़बूरी में कैचप वाले व्यापारियों को दो रुपए प्रति किलो से भी कम दाम पर टमाटर बेचना पड़ रहे हैं। बड़वानी ,खरगोन उज्जैन ,धार और बुरहानपुर जिले के प्रमुख टमाटर उत्पादक किसानों ने बताया कि इस वर्ष टमाटर की खेती में लाखों का घाटा होने से आंसू निकल रहे हैं।
बड़वानी जिले के ग्राम कुआं के श्री अजय पाटीदार ने बताया कि गत दिसंबर से टमाटर के दामों में गिरावट चल रही है। 4 एकड़ में टमाटर लगाया था, लेकिन उचित भाव नहीं मिल रहे हैं। फसल लागत ,मजदूरी , परिवहन खर्च ही नहीं निकल पा रहे हैं। टमाटर की 25 किलो की क्रेट 50 -55 रु के दाम में बिक रही है। जबकि इसी जिले के ग्राम नागलवाड़ी के श्री संतोष यादव ने करीब 50 एकड़ में टमाटर लगाया था , लेकिन सही दाम नहीं मिलने से उन्हें बहुत नुकसान हुआ। खेत से ही व्यापारियों को 40 -50 रु / क्रेट की दर से टमाटर बेचकर खेत खाली कर दिया। अब खीरा लगाने की तैयारी है। ग्राम हरिबड़ के श्री रमेश मुकाती ने भी 15 एकड़ में टमाटर लगाया , लेकिन उचित दाम नहीं मिलने से माल बाहर नहीं भेजा और दिल्ली वाले व्यापारियों को खेत से ही 40 -45 रु / क्रेट के भाव से 15 हज़ार क्रेट बेच दिए। टमाटर का उत्पादन अच्छा होने के बावजूद बहुत घाटा हुआ। इसी तरह ग्राम पिपलुद के श्री शिव यादव को भी 2 एकड़ में लगाए टमाटर में करीब 3 लाख का नुकसान हुआ। बड़वानी के व्यापारी को टमाटर बेचकर फसल निकाल दी। धार जिले के ग्राम कुवाड़ ( मनावर ) के श्री संतोष गेहलोत ने 8 एकड़ में टमाटर लगाए थे, लेकिन इस साल कीमत सही नहीं मिलने से इंदौर मंडी में माल नहीं भेजा और मनावर के व्यापारी को ही 50 – 60 रु / क्रेट के भाव से खेत से ही बेच दिया और टमाटर की फसल को उखाड़ दिया। इन्हें करीब 6 लाख का नुकसान हुआ।
खरगोन जिले के कसरावद के उन्नत कृषक श्री ईशान सराफ ने बताया कि 6 एकड़ में टमाटर के 42 हज़ार पौधे लगाए थे। लेकिन आपूर्ति अधिक होने से इस वर्ष टमाटर उत्पादकों को सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं। शिवपुरी , करनाल और सवाईमाधोपुर क्षेत्र से इंदौर मंडी में टमाटर की आवक बढ़ने से दाम और गिर गए। पहले किसानों को पूरे देश की मंडियों में अच्छा भाव मिलता था। परिवहन खर्च के बाद भी किसानों को लाभ होता था ,लेकिन अभी ऐसे हालात नहीं है । दिल्ली के व्यापारी भी मनमाने भाव से खरीदी करते हैं। किसान भी संगठित नहीं हैं। 50 -60 रु /कैरेट का दाम लगाते हैं। फसल खराब होने के डर से किसान बेच देते हैं। कसरावद में टमाटर की मंडी और सब्जी फसल की सुरक्षा के लिए कोल्ड स्टोरेज की दरकार हैं। इस बार टमाटर फसल में करीब 12 लाख रु का नुकसान हुआ है । ग्राम हमीरपुरा (बड़वाह ) के श्री जयप्रकाश पटेल द्वारा 10 एकड़ में लगाए टमाटर में से आधा ही बिका और आधा छोड़ दिया। श्री पटेल ने कहा कि मांग और पूर्ति में व्यापक अंतर होने से सिर्फ टमाटर ही नहीं ,बल्कि अदरक, लहसुन , डॉलर चना सभी के दाम गिरे हुए हैं। पूरे बाजार की हालत खराब है। इस बार टमाटर की फसल में बहुत नुकसान हुआ है। वहीं ग्राम भुदरी ( महेश्वर ) के श्री ओमप्रकाश चोपड़ा ने कहा कि टमाटर के वर्तमान भावों , मजदूरी और परिवहन खर्च की लागत को देखते हुए दिल्ली के एक व्यापारी को टमाटर के 8 हज़ार क्रेट 50 -70 रु / क्रेट की दर से बेच दिए, फिर भी लागत नहीं निकली और बहुत घाटा हो गया। ग्राम टांडा बरुड़ के श्री डोंगर कुशवाह ने 5 एकड़ में टमाटर लगाया था। इनका कहना था कि टमाटर के लिए 22 रु /क्रेट मजदूरी देना पड़ती है और ट्रैक्टर भाड़ा अलग से लगता है , इसलिए दिल्ली के व्यापारी को कैचप के लिए 40 -50 रु /क्रेट की दर से सारे टमाटर खेत से ही बेच दिए। इस बार टमाटर के सही दाम नहीं मिलने से करीब साढ़े 7 लाख का घाट हुआ। ग्राम चाकबारा ( बुरहानपुर ) के श्री संजय महाजन ही एकमात्र ऐसे किसान रहे, जिन्होंने आधे एकड़ में लगाए टमाटर के 500 क्रेट 120 -140 रु /क्रेट के दाम से बुरहानपुर मंडी में बेचकर मुनाफा कमाया, वर्ना अन्य टमाटर उत्पादक किसान आंसू बहाने को विवश हैं।
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