इंदौर के सोयाबीन संस्थान की तीन किस्में उच्च समिति द्वारा अनुमोदित
26 सितम्बर 2022, इंदौर: इंदौर के सोयाबीन संस्थान की तीन किस्में उच्च समिति द्वारा अनुमोदित – भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर द्वारा विगत कुछ वर्षों से लगातार नई-नई किस्मों का विकास किया जा रहा है । इसी श्रृंखला में संस्थान द्वारा विकसित तीन किस्मों एन.आर.सी. 157, एन.आर.सी. 131 एवं एन.आर.सी. 136 को राज्य स्तरीय उच्च समिति द्वारा मध्य प्रदेश राज्य के लिए अनुमोदित किया गया है ।
इस बारे में संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रजनक डॉ संजय गुप्ता ने बताया कि एन.आर.सी 157 (आई.एस. 157) एक मध्यम अवधि में पकने वाली किस्म है, जो मात्र 94 दिनों में पक जाती है, जिसकी औसत उपज 16.5 क्विंटल प्रति हेक्टयेर है तथा यह अल्टर्नेरिया लीफ स्पॉट, बेक्टेरियल पस्तुल्स एवं टार्गेट लीफ स्पॉट जैसी बीमारियों से मध्यम प्रतिरोधी भी है । संस्थान के परीक्षणों में पाया गया है कि एनआरसी 157 की देर से बुआई (20 जुलाई तक) करने से भी न्यूनतम उपज का नुकसान होता है । उनके द्वारा विकसित एक अन्य किस्म एन.आर.सी 131 (आई.एस.131) के बारे में डॉ गुप्ता ने बताया कि यह 93 दिनों की मध्यम अवधि में पकने वाली किस्म है, जिसकी औसत उपज 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है तथा चारकोल रोट एवं टारगेट लीफ स्पॉट जैसे रोगों से मध्यम प्रतिरोधक है ।
संस्थान द्वारा देश के पूर्वी क्षेत्र के लिए पहले से ही विकसित एवं अनुशंसित किस्म एन.आर.सी. 136 (आई.एस. 136) को भी इस वर्ष मध्य प्रदेश में खेती के लिए अनुमोदित किया गया है ।इस किस्म के प्रजनक तथा संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ ज्ञानेश कुमार सातपुते ने बताया कि एन.आर.सी. 136 किस्म 105 दिनों में पकती है तथा इसकी औसत उपज 17 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है । यह किस्म पीला मोज़ेक वायरस से मध्यम प्रतिरोधक क्षमता रखती है एवं भारत की पहली सुखा सहिष्णु किस्म है ।
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