यूपी के किसानों को नहीं आने दी जाएगी खाद की कमी, बोले कृषि मंत्री शाही
30 अगस्त 2025, लखनऊ: यूपी के किसानों को नहीं आने दी जाएगी खाद की कमी, बोले कृषि मंत्री शाही – यूपी के किसानों को खाद की कमी नहीं आने दी जाएगी। यह बात यूपी सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप सिंह शाही ने कही है। उन्होंने कहा है कि किसानों को यूरिया और डीएपी सहित अन्य खाद उपलब्ध कराने के लिए अलग-अलग राज्यों में मांग के अनुरूप उर्वरकों की आपूर्ति की जा रही है। प्रदेश सरकार किसानों को पिछले वर्ष की भाँति वर्तमान खरीफ सीजन में फसलों की बुआई और रोपाई उपरांत फसल संस्तुति के अनुसार पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु पूरी तरह कटिबद्ध है। इस उद्देश्य से प्रदेश सरकार भारत सरकार से निरंतर संपर्क बनाकर आवश्यक कार्यवाही कर रही है, जिससे उर्वरक आपूर्ति की प्रक्रिया सुचारू रूप से गतिशील बनी रहे। कृषि मंत्री ने बताया कि 1 अगस्त से 26 अगस्त 2025 तक भारत सरकार द्वारा प्रदेश के लिए 301 यूरिया रैक डिस्पैच की गई है, जिसमें 267 रैक जनपदों तक पहुंच चुकी है तथा 34 रैक रास्ते में है, जो अगले 2 से 3 दिनों में अपने गंतव्य तक पहुँच जाएगी। वर्तमान में किसानों की दैनिक आवश्यकता के अनुरूप प्रतिदिन 10 से 12 रैक भेजी जा रही है। 27 और 28 अगस्त को ही भारत सरकार द्वारा 18 रैक यूरिया प्रदेश के बस्ती, अलीगढ़, मऊ, अयोध्या, झाँसी, जालौन, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर, कानपुर, बाराबंकी, बरेली, मुरादाबाद, हरदोई, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर एवं बदायूं जिलों हेतु डिस्पैच की गई है।
नामों में भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं
कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की कि उन्हें प्रदेश में उपलब्ध उर्वरक बोरियों पर “भारत यूरिया” अथवा “भारत डीएपी” जैसे नामों में भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है। सभी उर्वरक एक समान गुणवत्ता वाले हैं, अतः एक ही ब्रांड को प्राथमिकता ना दें और अपने नजदीकी विक्रय केंद्र से सुगमता से उर्वरक प्राप्त कर फसलों की रोपाई व टॉप ड्रेसिंग के अनुसार उपयोग करें। साथ ही भविष्य की फसलों हेतु अनावश्यक भंडारण ना करें, ताकि सभी किसानों को समय पर आवश्यकता अनुसार उर्वरक उपलब्ध हो सके।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:


