खरीफ में फसल विविधीकरण पर होगा जोर
म.प्र. मानसून की अलबेली चाल पर सतर्क, 24 लाख क्विंटल से अधिक बीज एवं 28 लाख टन प्रमुख उवर्रक वितरण का लक्ष्य
- (अतुल सक्सेना)
10 मई 2023, भोपाल । खरीफ में फसल विविधीकरण पर होगा जोर – इस वर्ष प्रदेश में मानसून की अलबेली चाल को देखते हुए आगामी खरीफ मौसम के लिए कृषि विभाग सतर्क हो गया है। फसल विविधीकरण योजना को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ आकस्मिक कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है, क्योंकि इस वर्ष खरीफ में मानसून के लडख़ड़ाने की पूरी उम्मीद है। इसका मुख्य कारण अलनीनो बताया जा रहा है। हालांकि अभी भारतीय मौसम विभाग ने अपना दूसरा पूर्वानुमान जारी नहीं किया है, इसके बावजूद असमय बेमौसम बरसात ने किसानों के मन में संशय पैदा कर दिया है कि कैसा रहेगा मानसून?
जानकारी के मुताबिक फसल विविधीकरण के तहत प्रदेश में धान, गेहूं के स्थान पर लाभकारी फसलों को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई गई है। इसका प्रस्तुतिकरण खरीफ सम्मेलन 2023 में भी किया गया। विगत 5 वर्षों में प्रदेश में धान के रकबे में लगभग 90 फीसदी की वृद्धि हुई है वहीं गेहूं का रकबा लगभग 64 फीसदी बढ़ा है अर्थात् राज्य के 52 जिलों में से लगभग 28 जिलों में धान या गेहूं में से कोई एक फसल 80 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में ली जाती है। इन फसलों में उपयोग होने वाले संसाधनों एवं आदानों के कारण प्रदेश में पर्यावरण असंतुलन की स्थिति निर्मित हो रही है। इस कारण फसल विविधीकरण के तहत रागी, कोदो, कुटकी, मक्का, औषधीय फसलें, फल एवं सब्जियों को बढ़ावा देने की कवायद की जा रही है।
वहीं प्रदेश में मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए 11 कृषि जलवायु क्षेत्रों के मुताबिक आकस्मिक कार्ययोजना भी विभाग द्वारा तैयार की गई है, इसमें कृषि विश्वविद्यालयों की अनुशंसाएं शामिल है। इसमें जलवायु क्षेत्र, भूमि के प्रकार के आधार पर फसल किस्मों का चयन, कार्ययोजना का समावेश किया गया है।
जानकारी के मुताबिक खरीफ 2023 के लिए प्रदेश में बीज एवं खाद की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। गत वर्ष कुल साढ़े 22 लाख क्विंटल बीज वितरित किया गया था। इस वर्ष 24 लाख क्विंटल से अधिक बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है।
अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 को देखते हुए राज्य में श्री अन्न को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मक्का, ज्वार, बाजरा फसलों के प्रमाणित बीज की उपलब्धता लक्ष्य से अधिक की गई है। आंकड़ों के मुताबिक राज्य में सभी फसलों के कुल बीजों के लक्ष्य 24 लाख 21 हजार क्विंटल के विरुद्ध 25 लाख 62 हजार क्विंटल बीज उपलब्ध है। गत वर्ष कुल 22 लाख 72 हजार क्विंटल बीज वितरित किया गया था। इस वर्ष खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन का बीज 15.83 लाख क्विंटल लक्ष्य के विरुद्ध 16.94 लाख क्विंटल उपलब्ध है। इसी प्रकार धान बीज 4.75 लाख क्विंटल लक्ष्य के विरुद्ध 4.81 लाख क्विंटल तथा कुल दलहनी फसलों के बीज 1.07 लाख क्विंटल लक्ष्य के विरुद्ध 1.23 लाख क्विंटल की उपलब्धता बताई जा रही है।
दूसरी तरफ विभागीय सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने म.प्र. को खरीफ 2023 के लिए प्रमुख उवर्रकों का 28 लाख टन से अधिक का आवंटन दिया है। इसमें मुख्य रूप से यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी एवं एसएसपी शामिल है।
महत्वपूर्ण खबर: मध्य प्रदेश के 11 लाख से अधिक किसानों का 2123 करोड़ रूपये का ब्याज माफ
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े –गूगल न्यूज़, टेलीग्राम )