हरियाणा के मुकाबले पंजाब में पराली जलाने के मामलों में बड़ी गिरावट, 16% की कमी दर्ज
27 अक्टूबर 2024, चंडीगढ़: हरियाणा के मुकाबले पंजाब में पराली जलाने के मामलों में बड़ी गिरावट, 16% की कमी दर्ज – पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने में पंजाब ने इस साल बड़ा कदम उठाया है। 23 अक्टूबर तक राज्य में पराली जलाने के मामलों में पिछले साल के मुकाबले 16% की गिरावट दर्ज की गई है। इस साल अब तक पंजाब में 1,638 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जो पिछले साल इसी अवधि में 1,946 थीं। हरियाणा में यह कमी मात्र 8% रही, जिससे पंजाब की प्रगति और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड़ियान ने जानकारी देते हुए बताया कि 2020 के मुकाबले इस साल पराली जलाने की घटनाओं में 88% की कमी आई है। वर्ष 2020 में राज्य में 13,894 घटनाएं दर्ज की गई थीं, जो अब घटकर 1,638 रह गई हैं। इसके विपरीत, हरियाणा में यह कमी सिर्फ 56% रही।
उन्होंने बताया कि पंजाब में 32 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती होती है, जो हरियाणा के 15 लाख हेक्टेयर से दोगुनी है। इसके बावजूद पंजाब ने पराली प्रबंधन में बेहतर प्रदर्शन किया है।
इस साल पंजाब सरकार ने किसानों को 13,616 नई फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनें उपलब्ध कराई हैं, जिससे 2018 से अब तक कुल 1.43 लाख मशीनें प्रदान की जा चुकी हैं। पराली जलाने की घटनाओं को रोकने और जागरूकता बढ़ाने के लिए 8,000 से अधिक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं।
इसके अलावा, “उन्नत किसान” मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया गया है, जिसमें 1.30 लाख सीआरएम मशीनें मैप की गई हैं, ताकि छोटे और सीमांत किसान भी इन संसाधनों का लाभ उठा सकें। पराली प्रबंधन के लिए इस साल 500 करोड़ रुपये की कार्य योजना बनाई गई है, जो राज्य सरकार की इस दिशा में गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मंत्री ने कहा, “पराली जलाने में आई कमी पंजाब सरकार और किसानों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। सीआरएम मशीनें, नोडल अधिकारियों की नियुक्ति और ‘उन्नत किसान’ ऐप जैसी पहलों से किसानों को पराली प्रबंधन में मदद मिल रही है।”
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