बदलते मौसम में सोयाबीन पर बढ़ा सफेद मक्खी और YMV का खतरा, किसान अपनाएं ये जरूरी उपाय
13 अगस्त 2025, भोपाल: बदलते मौसम में सोयाबीन पर बढ़ा सफेद मक्खी और YMV का खतरा, किसान अपनाएं ये जरूरी उपाय – मध्यप्रदेश में सोयाबीन की फसल इन दिनों विकास की अवस्था में है। लेकिन हाल के दिनों में मौसम में बदलाव, नमी और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण कुछ इलाकों में सफेद मक्खी (Whitefly) और इसके कारण फैलने वाले पीला मोज़ेक वायरस (Yellow Mosaic Virus) के प्रकोप की आशंका बनी हुई है।
कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे सावधान रहें और समय रहते जरूरी उपाय अपनाएँ ताकि फसल को नुकसान से बचाया जा सके।
नियमित निगरानी और शुरुआती नियंत्रण जरूरी
किसान भाई-बहनों से अनुरोध है कि वे अपनी फसल का हर 3-4 दिन के अंतराल पर निरीक्षण करें। पत्तों के नीचे सफेद मक्खी की उपस्थिति और पत्तियों पर पीले चकत्ते दिखाई दें तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
शुरुआती प्रकोप की स्थिति में यांत्रिक नियंत्रण अपनाएं। जैसे कि संक्रमित पत्तियों को तोड़कर खेत से बाहर नष्ट करना। अगर सफेद मक्खी की संख्या कम हो तो पीले चिपचिपे कार्ड (Yellow Sticky Traps) का उपयोग करें। प्रति एकड़ 20-25 कार्ड लगाए जा सकते हैं।
कीटनाशकों का सही समय पर उपयोग करें
यदि फसल में लक्षण दिखाई दें, तो एसिटामिप्रिड 25% + बिफेंथ्रिन 25% WG @ 250 ग्राम को 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। यदि सफेद मक्खी की संख्या ज्यादा हो, तो निम्नलिखित कीटनाशकों का छिड़काव करें:
1. डायनोटेफ्यूरान 20% SG @ 150 ग्राम/हेक्टेयर
2. बुप्रोफेज़िन 25% SC @ 1 लीटर/हेक्टेयर
3. थायोमेथोक्साम 25% WG @ 100 ग्राम/हेक्टेयर
4. छिड़काव सुबह या शाम के समय करें, जब हवा कम हो।
5. इसके अलावा, आस-पास के खेतों में भी एक साथ छिड़काव करने से सफेद मक्खी की संख्या को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
बुवाई से पहले और फसल चक्र की भी रखें सावधानी
1. किसी भी रसायन के उपयोग से पहले कृषि विशेषज्ञ या नजदीकी कृषि विस्तार अधिकारी से परामर्श जरूर लें।
2. बीज की बुवाई से पहले थायमेथोक्साम 30% WS या 30% FS @ 6 मि.ली./किलो बीज से उपचार करें।
3. समय पर बुवाई करें और उचित फसल चक्र अपनाएं।
4. खेत और आस-पास की खरपतवारों को नष्ट करें, क्योंकि सफेद मक्खी इन्हीं में पनपती है।
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