राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश के मिलर्स की हड़ताल खत्म, धान खरीद में फिर जुटेंगे मिलर्स, बकाया 233 करोड़ की राशि जारी

09 दिसंबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश के मिलर्स की हड़ताल खत्म, धान खरीद में फिर जुटेंगे मिलर्स, बकाया 233 करोड़ की राशि जारी –  मध्यप्रदेश के राइस मिलर्स की हड़ताल आखिरकार खत्म हो गई है। किसानों की धान खरीदी प्रक्रिया में आ रही रुकावट को दूर करने के लिए मिलर्स ने रविवार से पोर्टल पर पंजीयन कर उपार्जन कार्य में शामिल होने की घोषणा की है। यह फैसला भोपाल में आयोजित एक अहम बैठक के बाद लिया गया, जिसमें मिलर्स और सरकार के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनी।

इससे पहले, मिलर्स राज्य सरकार से अपग्रेडेशन की बकाया राशि और अन्य समस्याओं को लेकर हड़ताल पर थे। इस हड़ताल के चलते धान खरीदी का काम ठप हो गया था, जिससे किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

बैठक के बाद खत्म हुई हड़ताल

शनिवार को भोपाल में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के निवास पर म.प्र. चावल महासंघ के पदाधिकारियों की एक विशेष बैठक हुई। इस बैठक में म.प्र. चावल उद्योग महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष आशीष अग्रवाल समेत कई अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। बैठक में नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक पी.एन. यादव और खाद्य विभाग के अन्य अधिकारी भी शामिल थे।

बैठक के बाद म.प्र. चावल महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष आशीष अग्रवाल ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि “मिलर्स की मुख्य मांग अपग्रेडेशन की बकाया राशि के भुगतान को लेकर थी, जिसे जल्द सुलझाने का आश्वासन मिला है। इसी के बाद हमने हड़ताल समाप्त करने का फैसला किया है। उम्मीद है कि बाकी समस्याओं का भी जल्द समाधान होगा।”

मिलर्स की हड़ताल खत्म कराने के लिए खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से बातचीत की। इस बातचीत में मिलर्स की समस्याओं और उनकी मांगों पर चर्चा हुई। इसके बाद खाद्य मंत्री ने मुख्य सचिव अनुराग जैन और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव से भी इस मुद्दे पर चर्चा की। बैठक के बाद तय हुआ कि मिलर्स की बकाया राशि के भुगतान का प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा।

मिलर्स को मिला 233 करोड़ का भुगतान

मिलर्स की हड़ताल के बीच सरकार ने 233 करोड़ रुपये की बकाया राशि जारी कर दी है। इस फैसले के बाद म.प्र. चावल उद्योग महासंघ ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया। महासंघ के अध्यक्ष आशीष अग्रवाल ने सभी मिलर्स से किसानों के हित में उपार्जन कार्य में जुट जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि सरकार से जो आश्वासन मिला है, वह संतोषजनक है।

मिलर्स की हड़ताल खत्म होने से किसानों को राहत मिलेगी। अब रविवार से मिलर्स पोर्टल पर अपना पंजीयन कर उपार्जन कार्य में शामिल होंगे। इससे किसानों की धान बेचने में आ रही समस्या का समाधान होगा। गौरतलब है कि हड़ताल के कारण कई स्थानों पर धान खरीदी रुक गई थी, जिससे किसानों को अपनी उपज बेचने में परेशानी हो रही थी।

मिलर्स की मुख्य मांगें

  1. अपग्रेडेशन की बकाया राशि का भुगतान – इस मांग पर सरकार ने 233 करोड़ रुपये जारी किए हैं और बाकी बकाया के लिए जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
  2. धान उपार्जन प्रक्रिया में पारदर्शिता – मिलर्स की ओर से धान उपार्जन पोर्टल और प्रक्रिया में सुधार की भी मांग उठाई गई थी।
  3. अन्य लंबित समस्याओं का समाधान – मिलर्स ने अन्य लंबित मुद्दों पर भी चर्चा की और सरकार ने उन्हें समाधान का भरोसा दिलाया है।

अब सभी मिलर्स पोर्टल पर पंजीयन कर उपार्जन कार्य में शामिल होंगे। सरकार ने कैबिनेट में मिलर्स की समस्याओं पर प्रस्ताव रखने का भी आश्वासन दिया है। इस फैसले के बाद किसान और मिलर्स दोनों राहत महसूस कर रहे हैं, क्योंकि हड़ताल के चलते कई दिनों से धान खरीदी बाधित थी।

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