राज्य कृषि समाचार (State News)

कोई ताकत है जो आंदोलन जारी रखना चाहती है : श्री तोमर

25 जनवरी नई दिल्ली। कृषि कानूनों पर किसानों और सरकार के बीच बातचीत का सिलसिला थम गया है। गत 22 जनवरी को 12वें दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद अगली मीटिंग के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई। वैसे तो बैठक पांच घंटे तक चली पर मंत्रियों और किसानों में आमने-सामने बात 30 मिनट भी नहीं हो पाई। किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने बताया कि सरकार ने हमें अपने प्रस्तावों पर विचार करने के लिए कहा है। आंदोलन के 58वें दिन हुई बैठक में सरकार और किसानों के बीच कोई नतीजा नहीं निकला।
बैठक के बाद कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले, हमने 12 राउंड की बैठकें कीं। जब यूनियन कानून वापसी पर अड़ी रही तो हमने उन्हें कई विकल्प दिए। हमने उन्हें कहा है कि सभी विकल्पों पर चर्चा करके आप अपना फैसला हमें बताइए।
श्री तोमर ने कहा, इतने दौर की बातचीत के बाद भी नतीजा नहीं निकला, इसका हमें खेद है। फैसला न होने का मतलब है कि कोई न कोई ताकत है, जो इस आंदोलन को बनाए रखना चाहती है और अपने हित के लिए किसानों का इस्तेमाल करना चाहती है। ऐसे में किसानों की मांगों पर फैसला नहीं हो पाएगा।
इससे पहले 20 जनवरी को हुई पिछली बातचीत में सरकार ने प्रपोजल दिया था कि कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक होल्ड कर सकते हैं। इसके बाद उम्मीद जगी कि अब शायद किसान मान जाएं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। किसान नेताओं ने बैठकें करने के बाद कहा था कि सरकार का प्रपोजल मंजूर नहीं। उन्होंने कहा कि कानून रद्द होने चाहिए, और एमएसपी की गारंटी मिलनी चाहिए।

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