मानसून में बढ़ा सांप काटने का खतरा, सरकार ने जारी की एडवायजरी
23 जून 2025, भोपाल: मानसून में बढ़ा सांप काटने का खतरा, सरकार ने जारी की एडवायजरी – मध्य प्रदेश में सर्पदंश की बढ़ती घटनाओं ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। पिछले साल सांपों के काटने से करीब 2500 लोगों की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने इसे प्राकृतिक आपदा घोषित कर दिया है। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता अभियान, प्रशिक्षण कार्यक्रम और त्वरित सहायता के लिए हेल्पलाइन शुरू करने की घोषणा की है।
मानसून में बढ़ता है सांपों का खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के दौरान सांप अपने प्राकृतिक ठिकानों से निकलकर मानव बस्तियों की ओर रुख करते हैं। बारिश के कारण उनके बिलों में पानी भर जाता है, जिससे वे खेतों, नदियों के किनारे और गांवों में दिखाई देने लगते हैं। पिछले साल सर्पदंश के कारण 2500 लोगों की जान गई, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
सरकार का एक्शन प्लान: हर पंचायत में ‘सर्प मित्र’
मध्य प्रदेश सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी जिलों के कलेक्टरों को सर्पदंश से बचाव और प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हर जिले को 23.17 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिसका उपयोग प्रशिक्षण, जागरूकता अभियान, मॉक ड्रिल और प्रचार-प्रसार के लिए होगा।
- प्रशिक्षण और सर्प मित्र: हर पंचायत और वार्ड स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होंगे। स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर ‘सर्प मित्र’ और स्नेक कैचर्स की टीमें बनाई जाएंगी। इन्हें स्नेक रेस्क्यू किट और फर्स्ट-एड किट प्रदान की जाएगी।
- हेल्पलाइन नंबर: सर्पदंश की स्थिति में त्वरित सहायता के लिए हर पंचायत में हेल्पलाइन नंबर जारी होंगे। इनका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
- जागरूकता अभियान: गांवों में चौपाल, नुक्कड़ नाटक, पंपलेट, और मोबाइल वैन के जरिए लोगों को सांपों की प्रजातियों, प्राथमिक उपचार और बचाव के तरीकों की जानकारी दी जाएगी। स्कूलों और कॉलेजों में भी विशेष सत्र आयोजित होंगे।
सभी शासकीय अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी-वेनम और आवश्यक दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों में सर्पदंश से संबंधित जानकारी वाले सूचना बोर्ड भी लगाए जाएंगे, ताकि लोग तुरंत सही कदम उठा सकें।
सावधानी ही बचाव: सरकार की जनता से अपील
सरकार ने लोगों से मानसून के दौरान विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। कुछ जरूरी सावधानियां इस प्रकार हैं:
- खेतों में काम करते समय जूते, मोजे और दस्ताने पहनें।
- झाड़ियों, पुआल के ढेर या लकड़ी के गट्ठरों में काम करने से पहले लाठी से जांच करें।
- अंधेरे में टॉर्च का उपयोग करें और बच्चों को बिना देखरेख बाहर न भेजें।
- घर के आसपास साफ-सफाई रखें और दीवारों की दरारें बंद करें।
- सर्पदंश होने पर घाव को काटने, चूसने या उस पर रसायन लगाने से बचें। तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचें।
जिलों को अपनी आपदा प्रबंधन योजना में सर्पदंश को स्थानीय आपदा के रूप में शामिल करने के लिए कहा गया है। इसके तहत जोखिम मूल्यांकन, प्रभावित क्षेत्रों की पहचान और जीआईएस आधारित डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जाएगा। इसमें सांपों की प्रजातियों, घटनाओं की संख्या और प्रभावित लोगों की जानकारी शामिल होगी।
सर्पदंश के मामले में समय बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आपको या किसी और को सांप काट ले, तो घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें। संयुक्त प्रयासों से ही इस आपदा पर काबू पाया जा सकता है।
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