सरकार ने की निराश्रित गौवंश की चिंता, इसलिए किया ये ऐलान
20 फ़रवरी 2025, भोपाल: सरकार ने की निराश्रित गौवंश की चिंता, इसलिए किया ये ऐलान – यूं भले ही किसानों या गौवंश पालकों द्वारा गौवंशों की देखरेख की जाती हो लेकिन बावजूद इसके प्रदेश के कई शहर ऐसे है जहां निराश्रित गौवंश सड़कों पर घूमते रहते है और इस कारण ये लोगों के लिए परेशानी का सबब भी बनते है लेकिन अब सरकार ने ये फैसला किया है कि निराश्रित और बेसहारा गौवंशों को सड़कों पर नहीं घूमने दिया जाएगा क्योंकि ऐसे गौवंशों की देखभाल की जिम्मेदारी सरकार ने ली है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि संतो की नगरी जबालीपुरम आज धन्य हुई है। यह आनंद का धाम बना है। जिले में अत्याधुनिक गौशाला बनाये जाने की नींव रखी गई है। उन्होंने कहा कि गौ-संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार की नीति अनुसार कहीं भी गौ-माता को लावारिस-निराश्रित नहीं रहने दिया जायेगा। प्रदेश के बड़े महानगरों की तरह अन्य बड़ी नगर निगम एवं नगर पालिकाओं में गौ-शालाओं का निर्माण कर इनकी क्षमताओं को 10 हजार तक पहुंचाने का कार्य किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव जबलपुर के ग्राम उमरिया में 53 एकड़ में बनाई जा रही गौशाला परियोजना के पहले चरण का भूमिपूजन कर संबोधित कर रहे थे। साथ ही जिले के 187.43 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्यो का लोकार्पण और भूमि-पूजन भी किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलन और संतों को पुष्प माला पहनाकर किया।
शासकीय स्तर पर गौ-शालाएं खुलेगी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासकीय स्तर पर गौ-शालाएं खुलेगी, जिनमें अधिक आयु की निराश्रित, अशक्त गौ-वंशों की देखभाल की जिम्मेदारी सरकार की होगी। इससे सड़क पर विचरण करने वाले लावारिस एवं निराश्रित गौ-वंशों को आश्रय मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की गौशालाओं के प्रत्येक गोवंश के लिए 40 रुपये प्रतिदिन दिये जा रहे हैं। साथ ही साथ घर-घर तक गौ-पालन को प्रोत्साहित करने के लिए 10 से अधिक गोवंश पालने वाले व्यक्ति को शासन की ओर से अनुदान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जो भी गौ-वंश का पालन करता है वह गोपाल और जिसके घर में गाय का कुल वह गोकुल कहलाता है।
गौ-माता में 33 करोड़ देवी-देवता विराजमान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति के अनुसार गौ-माता में हमारे 33 करोड़ देवी-देवता भी विराजमान है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने गाय को राष्ट्रीय पशु की मान्यता देने की बात कही थी। गौ-माता ही ऐसी एकमात्र माता है जो अपने बच्चों के साथ मनुष्य के बच्चों को अपना दूध पिलाती है।
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