पीएम कृषक मित्र सूर्य योजना के लिए सरकार ने लिया किसानों के लिए ये बड़ा फैसला
24 नवंबर 2025, भोपाल: पीएम कृषक मित्र सूर्य योजना के लिए सरकार ने लिया किसानों के लिए ये बड़ा फैसला – प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने पीएम कृषक मित्र सूर्य योजना के लिए किसानों हेतु एक बड़ा फैसला लिया है और इसके तहत मंत्री परिषद द्वारा किये गए संशोधन के अनुसार किसानों को अब स्वीकृत किए गए सोलर पम्प स्थापना क्षमता से एक क्षमता अधिक तक का विकल्प दिया जाएगा। अर्थात् अब 3 एच.पी. के अस्थाई विद्युत कनेक्शन वाले किसानों को 5 एच.पी. और 5 एच.पी. के अस्थाई विद्युत कनेक्शन वाले किसानों को 7.5 एच.पी. का सोलर पंप प्रदाय करने का विकल्प दिया जाएगा।
90 प्रतिशत सब्सिडी
सरकार के मुताबिक योजना के प्रथम चरण में अस्थायी विद्युत कनेक्शन संयोजन वाले किसानों अथवा अविद्युतीकृत किसानों को सोलर पम्प का लाभ दिया जाएगा। योजना अनुसार 7.5 एचपी क्षमता तक का सोलर पम्प लगाने के लिए अस्थाई विद्युत कनेक्शन धारी कृषक का अंश 10% रहेगा और सरकार द्वारा 90% की सब्सिडी दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की कुसुम-ब योजना को प्रदेश में “प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना” नाम से 24 जनवरी 2025 से लागू किया गया है। इसका क्रियान्वयन राज्य में मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा किया जा रहा है। इस निर्णय से सोलर पंप की स्थापना से विद्युत पंपों को विद्युत प्रदाय के लिए राज्य सरकार पर अनुदान के भार को सीमित किया जा सकेगा एवं विद्युत वितरण कंपनियों की वितरण हानियों को कम किया जा सकेगा। बता दें कि किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही फसल उत्पादन की लागत कम करने के लिए सरकार सोलर पंप के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में अधिक से अधिक किसान अपने खेतों में सोलर पम्प की स्थापना कर सकें इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है। इस कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को कम दरों पर सोलर पम्प उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष “प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना” शुरू की है।
आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture


