ऋण ब्याज माफी के इंतज़ार में पांढुर्ना के किसान
15 जून 2024, (उमेश खोड़े, पांढुर्ना): ऋण ब्याज माफी के इंतज़ार में पांढुर्ना के किसान – किसानों को प्रायः खाद – बीज समय पर नहीं मिलने की शिकायत रहती है , लेकिन पांढुर्ना का यह मामला खाद-बीज का न होकर ऋण पर ब्याज माफी का है, जिसके लिए पांढुर्ना क्षेत्र के 805 किसान अपनी डेढ़ करोड़ से अधिक की ब्याज माफी का लम्बे अर्से से इंतजार कर रहे हैं , लेकिन ब्याज माफी के बजाय सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री (अब केंद्रीय कृषि मंत्री ) श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा ‘ मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना 2023 ‘ के अंतर्गत किसानों के सहकारी समितियों के दो लाख रु तक के बकाया फसल ऋण पर ब्याज माफी की घोषणा की गई थी ,जिसके तहत पांढुर्ना के सहकारी बैंक की 8 समितियों के कुल 2078 किसानों में से 1273 की ब्याज माफी हुई ,जबकि 805 किसानों की 1 करोड़ 65 लाख 77 हज़ार 162 रु की ब्याज माफी अभी तक नहीं हुई है । इससे प्रभावित किसान चिंतित हैं। इसे लेकर क्षेत्र के 11 किसानों श्री संतोष दयाराम निकाजु ,श्री गणेश नारायण कोल्हे, श्री देवेंद्र गंगाधर बाबल, श्री दिगंबर तुकाराम भांगे ,श्री नितिन धनराज बालपांडे ,श्री मो. सफी शेख अब्बास ,श्री शंकर तुकाराम जसुतकर, श्री मंसाराम झोटया खोड़े ,लीलाबाई गणपतराव खरवड़े, श्री वीरेंद्र भिकारीलाल जायसवाल और श्री अमोल दिगंबर धर्माधिकारी द्वारा यथा समय अपने दावा आपत्ति फार्म भी जमा कर दिए थे, इसके बावजूद भी समस्या का अभी तक समाधान नहीं हुआ है। क्षेत्र के प्रभावित किसानों को श्री शिवराज सिंह चौहान के केंद्रीय कृषि मंत्री बनने के बाद उम्मीद जगी है कि अब उनकी ऋण ब्याज माफी जल्दी हो जाएगी,क्योंकि मप्र में ऋण ब्याज माफी की घोषणा उन्हीं के कार्यकाल की है । इस मामले को कृषक जगत के 25 दिसंबर 2023 के अंक में ‘ पात्र किसानों की गुहार,ब्याज माफ करे सरकार ‘ शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था।
इस संबंध में श्री अभय कुमार जैन , महाप्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, छिंदवाड़ा ने कृषक जगत को बताया कि बैंक से सम्बद्ध करीब साढ़े चार हज़ार किसानों की लगभग 12 करोड़ से अधिक राशि की ऋण ब्याज माफी बाकी है। स्वीकृति शासन स्तर से ही होना है। इसके लिए बैंक के माध्यम से कलेक्टर के अनुमोदन के साथ प्रस्ताव भोपाल भेज दिया है ,जैसे ही वहां से स्वीकृति आएगी, उक्त राशि संबंधित किसानों के खातों में जमा कर दी जाएगी।