मिट्टी परीक्षण से करें लागत में कमी और उत्पादन में वृद्धि मिट्टी की जांच के लिए अभी माहौल अनुकूल
04 अप्रैल 2025, (दिलीप दसौंधी, मंडलेश्वर): मिट्टी परीक्षण से करें लागत में कमी और उत्पादन में वृद्धि मिट्टी की जांच के लिए अभी माहौल अनुकूल – मिट्टी परीक्षण को लेकर किसानों में प्रायः जागरूकता का अभाव देखा गया है। इन दिनों गेहूं की फसल कटने के बाद किसानों के खेत खाली हैं। मिट्टी की जांच के लिए अभी माहौल अनुकूल है। मिट्टी की जांच से पता चल जाता है कि मिट्टी में किस पोषक तत्व की कमी है , उस तत्व की पूर्ति करने से अन्य अवांछित सामग्री डालने से बच जाते हैं और लागत में कमी आ जाती है। भूमि में आवश्यक तत्व की पूर्ति से जहां उत्पादन में वृद्धि होती है, वहीं किसान की आमदनी में भी बढ़ोतरी होती है। अतः किसानों को अपने खेत की मिट्टी की जांच अवश्य करानी चाहिए। यह कहना है उन किसानों का जिन्होंने मिट्टी परीक्षण कराया।
किसानों का कथन – ग्राम पिपल्दागढ़ी (धरमपुरी ) के श्री बलराम सिंह सोलंकी ने कृषक जगत को बताया कि अपनी 40 बीघा ज़मीन में केला , गन्ना और पपीता की फसल लेता हूँ , जिसके लिए मैं हर साल मिट्टी परीक्षण कराता हूँ। मिट्टी की जांच से हमें ज़मीन में जिन तत्वों की कमी है , उसका पता चल जाता है। संबंधित तत्व की पूर्ति कर देने से अन्य अवांछित सामग्री डालने से बच जाते हैं, इससे लागत में तो कमी आती ही है, उत्पादन भी बढ़ जाता है और आय में वृद्धि होती है। किसानों को अपने खेत की मिट्टी की जांच अवश्य करानी चाहिए। वहीं सनावद के श्री संजीव सिंह पंवार ने बताया कि साढ़े छःएकड़ ज़मीन में वे परम्परागत खेती करते हैं। एक एकड़ में फलों का बगीचा लगाने के लिए खेती की मिट्टी का परीक्षण कराया है , ताकि आवश्यक तत्वों की पूर्ति कर बगीचे की अच्छे से शुरुआत कर सकूँ। जबकि गोगांवा के श्री संदीप चौहान का कहना था कि 14 एकड़ ज़मीन में परम्परागत खेती के साथ मिर्च , तरबूज और खरबूज की भी खेती करते हैं। अभी रबी में चना फसल ली थी। आगामी खरीफ सत्र के लिए कपास की तैयारी की जा रही है। मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी जानने के लिए करीब 5 साल बाद अब मिट्टी की जांच कराई है। जांच रिपोर्ट से पता चल गया कि कौन -कौन से पोषक तत्वों की पूर्ति करना है। इससे व्यर्थ का खर्च बचेगा तो लागत में कमी आ जाएगी। इन किसानों का कहना है कि यदि खेतों में उन्नत फसल पाना है ,तो मिट्टी परीक्षण अवश्य कराना चाहिए।
किसानों से मिल रहा अच्छा प्रतिसाद – तिरुपति फ्रेश एग्रो क्रॉप साइंस प्रा.लि., बड़वाह के संचालक श्री लक्ष्मण काग ने कृषक जगत को बताया कि किसानों द्वारा ज़मीन में बेवजह उर्वरक और अन्य कृषि सामग्री डालने की समस्या को देख 2015 में 25 लाख की लागत से उच्च स्तरीय आधुनिक मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की थी। गत एक दशक से किसानों की ओर से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। श्री काग ने बताया कि हमारी मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में पीएच मान के साथ ही सभी आवश्यक पोषक तत्वों की तीन पैरामीटर में जांच की जाती है। इसके अलावा पानी की जांच के लिए 9 प्रकार – रस, गंध , स्वाद,, पीएच मान , टीडीएस , चालकता , सेलिनिटी, गंदलापन और कठोरता की जांच की जाती है।
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