उर्वरक विक्रय करने में अनियमितता एवं कालाबाजारी पर होगी कार्रवाई
02 जनवरी 2025, मुरैना: उर्वरक विक्रय करने में अनियमितता एवं कालाबाजारी पर होगी कार्रवाई – विक्रेता फर्मों द्वारा पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से उर्वरक विक्रय ऑनलाइन कैश एवं क्रेडिट मेमो क्रेताओं को जारी किया जाना अनिवार्य है। यदि विक्रेता फर्मों द्वारा उर्वरक क्रेता (बायर) को पी.ओ.एस. मशीन से जारी कैश एवं क्रेडिट मेमो जारी न करना, उर्वरक विक्रय करने में अनियमितता एवं कालाबाजारी उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 की धाराओं का उल्लंघन होता है तो विक्रेता के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
यदि क्रेता के पी.ओ.एस. मशीन में फिंगर तो लगाये जाते हैं, किन्तु उसे कैश एवं क्रेडिट मेमो जारी नहीं करने पर यह जानकारी प्राप्त नहीं होती है कि पी.ओ.एस. मशीन में विक्रेता द्वारा कितना उर्वरक बैग किस दर पर कितनी संख्या में क्रय किये गये है या क्रेता को बैग कम संख्या में दिये जाकर शेष बैग अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से उर्वरक की कालाबाजारी की जाती है, तो ऐसे विक्रेता के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक श्री पी.सी. पटेल ने समस्त विकासखण्डों के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उर्वरक वितरण केन्द्र मार्कफेड गोदाम, मार्केटिंग गोदाम एवं निजी विक्रेता उर्वरक फर्मों का निरीक्षण करें, यदि क्रेताओं को पी.ओ.एस. मशीन से जारी कैश एवं क्रेडिट मेमो जारी न करना, अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से उर्वरक की कालाबाजारी करने की श्रेणी में आता है। इस प्रकार की अनियमितता करने वाली निजी एवं सहकारी विक्रेता फर्मों के विरुद्ध उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 की धारा 5 का उल्लंघन एवं कालाबाजारी के तहत तत्काल कार्यवाही करना सुनिश्चित करें एवं की गई कार्यवाही की जानकारी किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग को उपलब्ध कराएं ।
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