राज्य कृषि समाचार (State News)

प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा जनपद और जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन

05 दिसंबर 2024, उज्जैन: प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा जनपद और जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन – प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था में सरपंचों की तरह जनपद और जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। यानी अब जनता सीधे जनपद और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनेगी। इसको लेकर सरकार विधानसभा के आगामी सत्र में पंचायत राज अधिनियम में संशोधन प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। मौजूदा स्थिति में जनपद और जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन सदस्यों द्वारा होता है। अप्रत्यक्ष प्रणाली के चुनाव विवादों में रहते हैं।

पंचायती राज व्यवस्था में यूं तो चुनाव गैर दलीय आधार पर होते हैं, लेकिन इसमें राजनीतिक दलों का पूरा दखल रहता है। जिस दल की सदस्य संख्या अधिक होती है, उसका समर्थित व्यक्ति अध्यक्ष बन जाता है। जिन निकायों में एक दल के समर्थकों का बहुमत नहीं होता है, वहां सदस्यों को प्रलोभन दिए जाने के साथ धमकाने की शिकायत और राजनीतिक जोड़तोड़ सामने आती है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पंचायत राज अधिनियम में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पंचायतराज की प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली वाले राज्यों के अधिनियमों का अध्ययन किया जा रहा है। फिलहाल सरकार नगरीय निकाय तो नहीं पर पंचायत चुनाव की व्यवस्था में परिवर्तन करने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर पंचायत राज संचालनालय ने इसकी तैयारी भी प्रारंभ कर दी है। इसके लिए अन्य राज्यों के प्रविधानों की जानकारी मंगाई गई है ताकि उनका अध्ययन पंचायत राज अधिनियम में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है।

प्रदेश में जिस तरह महापौर सीधे जनता से चुने जाते हैं, वही व्यवस्था जिला और जनपद पंचायत अध्यक्ष के लिए भी बनाने की तैयारी है। अभी जिला और जनपद पंचायत के अध्यक्ष निर्वाचित सदस्यों के माध्यम से चुने जाते हैं। पंचायत चुनाव वैसे तो गैर दलीय आधार पर होते हैं लेकिन इसमें राजनीतिक दलों का पूरा दखल रहता है। जिस दल की सदस्य संख्या अधिक होती है, उसका समर्थित व्यक्ति अध्यक्ष बन जाता है। जिन निकायों में एक दल के समर्थकों का बहुमत नहीं होता है वहां सदस्यों को प्रलोभन दिए जाने के साथ धमकाने की शिकायतें भी सामने आती हैं। इसे देखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पंचायतराज अधिनियम में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पंचायत राज संचालनालय ने अन्य राज्यों के प्रावधानों की जानकारी मंगाई है ताकि उनका अध्ययन करके अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित किया जा सके।  जनपद एवं जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव मौजूदा व्यवस्था में जनता द्वारा चुने गए सदस्यों द्वारा होते हैं। निर्वाचन उपरांत सदस्यों का सम्मेलन बुलाया जाता है, जिसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होता है। प्रदेश में 52 जिला और 313 जनपद पंचायतें हैं। प्रत्येक जिला पंचायत में औसत 15 तक सदस्य होते हैं। वर्तमान व्यवस्था में सदस्यों का चुनाव होता है। निर्वाचन उपरांत सदस्यों का सम्मेलन बुलाया जाता है, जिसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होता है।

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