राज्य कृषि समाचार (State News)

उद्यानिकी विभाग की सिंचाई योजना से लहलहाई खरबूजे की फसल

11 अप्रैल 2025, छिंदवाड़ा: उद्यानिकी विभाग की सिंचाई योजना से लहलहाई खरबूजे की फसल – छिंदवाड़ा जिले के विकासखंड परासिया के ग्राम उमरेठ के कृषक श्री पूनाराम पवार, जो वर्षों से पारंपरिक तरीके से खेती कर रहे थे, आज आधुनिक तकनीकों से लाभ कमाकर दूसरों के लिए मिसाल बन चुके हैं। पहले उनकी खेती वर्षा पर निर्भर रहती थी और साग-भाजी फसलों से केवल 10-12 हजार रुपये प्रति एकड़ की आमदनी हो पाती थी। संसाधनों की कमी के कारण वे खेती में विशेष उन्नति नहीं कर पा रहे थे, लेकिन उद्यानिकी विभाग की योजनाओं का लाभ लेकर अब वे आधुनिक पद्धति से खरबूजे की खेती कर लाखों रुपए की आय प्राप्त कर रहे हैं।

वर्ष 2015-16 में श्री पूनाराम ने उद्यानिकी विभाग के माध्यम से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई प्रणाली तथा वर्ष 2020 में मिनी स्प्रिंकलर योजना का लाभ लिया। इस तकनीकी सहयोग से उनकी खेती में क्रांतिकारी परिवर्तन आया। उन्होंने एक हेक्टेयर भूमि पर खरबूजा की फसल लगाई, जो उत्तम गुणवत्ता की तैयार हुई। पूनाराम ने लगभग 25 टन खरबूजा का उत्पादन किया, जिसे उन्होंने खेत से ही व्यापारियों को ₹12 प्रति किलो के भाव से बेचा। कुल मिलाकर उन्हें 3,00,000 रुपये की आय हुई, जिसमें से 1,50,000 रूपये की शुद्ध आमदनी रही।

Advertisement
Advertisement

आज कृषक श्री पूनाराम कृषि कार्य में उपयोगी यंत्रों का प्रयोग करते हुए आधुनिक पद्धति से खेती कर रहे हैं। उन्होंने कृषि यंत्र, मोटरसाइकिल खरीदी और अब उनके परिवार की शिक्षा, विवाह एवं अन्य आवश्यकताएं भी सुचारू रूप से पूरी हो रही हैं। बैंक ऋण मुक्त होकर उन्होंने आत्मनिर्भरता की ओर मजबूत कदम बढ़ाया है। कृषक श्री पूनाराम की यह सफलता न केवल उनकी मेहनत और दूरदर्शिता का परिणाम है, बल्कि यह दर्शाती है कि सरकारी योजनाओं का सही उपयोग किस प्रकार किसानों की किस्मत बदल सकता है। यह कहानी जिले के अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement