राज्य कृषि समाचार (State News)

खाद और बीज के नमूने अमानक पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही करें- कमिश्नर रीवा

30 जुलाई 2024, रीवा: खाद और बीज के नमूने अमानक पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही करें- कमिश्नर रीवा – कमिश्नर कार्यालय में आयोजित संभागीय समीक्षा बैठक में कमिश्नर श्री बीएस जामोद ने कृषि आदान की समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि खेती अर्थव्यवस्था का आधार है। किसान की आय में वृद्धि करने के लिए उसे समन्वित खेती के लिए प्रेरित करें। कृषि, उद्यानिकी, मछली पालन, पशुपालन तथा सहकारिता विभाग मिलकर खेती को उन्नत करने की कार्य योजना तैयार करें। इन सभी विभागों के मैदानी कर्मचारी मिलकर किसान को खेती को उन्नत करने में सहयोग करें। विन्ध्य का किसान बहुत परिश्रमी और लगनशील है। उन्हें नई तकनीक और समन्वित खेती के लिए सरलता से प्रोत्साहित किया जा सकता है। कमिश्नर ने कहा कि सभी जिला मुख्यालयों में कृषि और उससे जुड़े विभागों की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करें। इसमें खेती को बेहतर करने का प्रशिक्षण दें।

कमिश्नर ने कहा कि बीज गुणवत्ता नियंत्रण लक्ष्य के अनुरूप नहीं है। खाद, बीज और कीटनाशक दवाओं के लक्ष्य से 25 प्रतिशत से अधिक नमूने लेकर उनकी जाँच कराएं। एक सप्ताह में जाँच रिपोर्ट प्राप्त कर अमानक पाए जाने पर प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही करें। संभाग के सभी जिलों में औसत से कम वर्षा होने के कारण फसल की बोनी लगभग 48 प्रतिशत हो पाई है। संयुक्त संचालक कृषि संभाग में वर्षा के अनुरूप किसानों को वैकल्पिक फसलों के लिए प्रोत्साहित करें। कोदौ, कुटकी, मक्का तथा अन्य मोटे अनाजों एवं तिलहनी फसलों की खेती को प्रोत्साहित करें। कृषि विविधीकरण योजना के तहत भी धान के स्थान पर अन्य फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मूंग और उड़द की खेती भी कम अवधि में किसानों को अच्छा लाभ देती है। कमिश्नर ने खाद के वितरण में कड़ी निगरानी के निर्देश दिए।

Advertisement
Advertisement

कमिश्नर ने कहा कि निराश्रित तथा सड़कों पर घूम रहे पशुओं को गौशालाओं में व्यवस्थित करने के लिए सभी जिलों में अभियान चलाएं। हाईवे के किनारे 10-10 किलोमीटर पर उपयुक्त स्थलों में निराश्रित पशुओं को रखने की व्यवस्था करें। इनके लिए चारे-भूसे के लिए शासन से अनुदान दिया जाएगा। पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव तथा रोजगार सहायकों के माध्यम से निराश्रित पशुओं को सुरक्षित कराएं। मछली पालन विभाग की समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने कहा कि एक हेक्टेयर में खेती की तुलना में एक हेक्टेयर के तालाब में मछली पालन करने से लगभग चार गुना अधिक लाभ होता है। जिन किसानों के पास तालाब हैं, उन्हें खेती के साथ-साथ मछली पालन के लिए प्रोत्साहित करें। मछली की बिक्री के लिए मत्स्य संपदा योजना से हर जिले में कियोस्क केन्द्र बनाएं। कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन तथा मछलीपालन के सफल किसानों की सफलता की कहानियाँ जनसंपर्क विभाग के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित कराएं।

बैठक में संयुक्त संचालक कृषि जेएस नेताम ने कहा कि संभाग में सबसे कम वर्षा रीवा जिले में हुए हुई है। संभाग में 48 प्रतिशत बोनी हो चुकी है। पर्याप्त वर्षा न होने के कारण धान की रोपाई में देरी हो रही है। पिछले तीन दिनों में हुई वर्षा से धान की रोपाई में गति आएगी। संभाग में सात लाख 18 हजार हेक्टेयर में बोनी का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में उपायुक्त डीएस सिंह, संयुक्त संचालक पशुपालन डॉ राजेश मिश्रा, उप संचालक कृषि यूपी बागरी, सहायक संचालक प्रीति द्विवेदी, सहायक संचालक उद्यानिकी योगेश पाठक तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement