राज्य कृषि समाचार (State News)

उर्वरक विक्रेता कृषि वैज्ञानिकों और किसानों के बीच मजबूत सेतु: डॉ लतिका

28 मई 2024, उदयपुर: र्वरक विक्रेता कृषि वैज्ञानिकों और किसानों के बीच मजबूत सेतु: डॉ लतिका – एमपीयूएटी शिक्षा, शोध व प्रसार के साथ-साथ ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगारपरक पाठ्यक्रम भी संचालित करता है ताकि स्थानीय स्तर पर ही उन्हें रोजगार मिल सके। प्रसार शिक्षा निदेशालय की ओर से खुदरा उर्वरक विक्रेता का यह प्रशिक्षण सतत् रूप से संचालित है और अब तक सैकड़ों युवा अपने गांवों में सफल उर्वरक विक्रेता के रूप में अपनी साख जमा चुके है। कार्यवाहक प्रसार शिक्षा निदेशक एवं प्राध्यापक डॉ लतिका व्यास ने यह बात कही। डाॅ. लतिका निदेशालय की ओर से आयोजित 15 दिवसीय खुदरा उर्वरक विक्रेता प्राधिकार पत्र प्रशिक्षण के समापन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रही थीं। 13 से 27 मई तक आयोजित इस प्रशिक्षण में उदयपुर, राजसंमन्द, बांसवाड़ा, सलूम्बर और भीलवाड़ा जिलों से 36 ग्रामीण युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

डॉ लतिका व्यास ने कहा कि प्रशिक्षणोपरांत ग्रामीण युवा विश्वविद्यालय और किसानों के बीच एक मजबूत सेतु की भूमिका भी अदा करते हंै क्योंकि फसलों में कोई भी समस्या आने पर किसान स्थानीय उर्वरक विक्रेता से भी अवश्य सम्पर्क साधता है ऐसे में उर्वरक विक्रेता को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों, कृषि विभाग से सतत् सम्पर्क बनाये रखना चाहिए ताकि सही मायने में किसानों की सेवा की जा सके।

उन्होंनेे कहा कि प्रशिक्षण के बाद ग्रामीण युवा प्रशिक्षणार्थी प्राधिकार पत्र (लाइसंेस) प्राप्त करने के लिए पात्र माने जाएंगे। निर्धारित प्रक्रिया के तहत् कृषि विभाग से लाइसंेस लेकर अधिकृत उर्वरक विक्रेता के रूप में कार्य कर सकेगें। प्रशिक्षण के दौरान अलग-अलग सत्र में विश्वविद्यालय के विभिन्न वैज्ञानिकों ने ग्रामीण युवाओं उर्वरकांें के सन्तुलित उपयोग, मृदा परीक्षण, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पोषक तत्व प्रबंधन, समन्वित पोषक तत्व, जैविक खेती और उसके लाभ, कार्बनिक खेती, खरीफ, रबी एवं जायद में बोयी जाने वाली प्रमुख फसले, उनमें लगने वाली बीमारियां-कीट व  इनकी रोकथाम के बारे में विस्तारपूर्वक समझाइश की गई।

प्रोग्राम ऑफिसर  आदर्श शर्मा ने बताया कि इस प्रशिक्षण में राज्य के विभिन्न जिलों- उदयपुर, राजसंमन्द, बांसवाड़ा, सलूम्बर और भीलवाड़ा आदि से 36 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। जिन्हें उर्वरक सर्टिफिकेट कोर्स सम्बन्धी सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक जानकारियां विश्वविद्यालय के विभिन्न कृषि वैज्ञानिकों एवं राज्य सरकार के कृषि अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई। उन्होंने प्रशिक्षण का लाभ किसानों तक पहुंचाने की अपील की। समापन सत्र में प्रशिक्षणार्थियों करगेट के शशांक शर्मा, खेरोदा के नरेश गर्ग आदि ने अपने अनुभव साझा किए।
प्रशिक्षण के समापन समारोह में खुदरा उर्वरक विक्रेता प्रशिक्षण में भाग लेने वाले सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र एवं प्रशिक्षण सम्बन्धी साहित्य प्रदान किये गये।

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