राज्य कृषि समाचार (State News)

सैटेलाइट से कड़ी निगरानी! खेतों में पराली जलाई तो लगेगा ₹15,000 तक का भारी जुर्माना

19 फ़रवरी 2025, भोपाल: सैटेलाइट से कड़ी निगरानी! खेतों में पराली जलाई तो लगेगा ₹15,000 तक का भारी जुर्माना – मध्यप्रदेश सरकार ने खेतों में फसल अवशेष जलाने (नरवाई/पराली) पर सख्ती बढ़ा दी है। राज्य के कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने स्पष्ट किया है कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए खेतों में नरवाई जलाना प्रतिबंधित किया गया है। ऐसा करने पर किसानों पर जुर्माने की कार्रवाई होगी। इस प्रतिबंध की निगरानी के लिए सैटेलाइट तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।

कितना लगेगा जुर्माना?

पर्यावरण विभाग ने नरवाई जलाने पर दंड के प्रावधान तय किए हैं। किसानों पर जुर्माने की राशि उनकी भूमि के आकार के अनुसार तय की गई है:

  • 2 एकड़ तक की भूमि– ₹2,500 प्रति घटना
  • 2 से 5 एकड़ तक की भूमि– ₹5,000 प्रति घटना
  • 5 एकड़ से अधिक भूमि– ₹15,000 प्रति घटना

कैसे होगी कार्रवाई?

कृषि विभाग के निर्देशों के अनुसार, जिन किसानों द्वारा खेतों में नरवाई जलाने की पुष्टि होगी, उन्हें कृषि विभाग की ओर से सूचना-पत्र जारी किया जाएगा। यह सूचना-पत्र उप संचालक कृषि द्वारा भेजा जाएगा, और इसकी तामील कराने की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी की होगी। इसके बाद, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी इसकी निगरानी करेंगे और सभी तामिल किए गए सूचना पत्रों की सूची अनुविभागीय कृषि अधिकारी को सौंपेंगे।

कार्रवाई को प्रभावी बनाने के लिए कृषि विस्तार अधिकारी, हल्का पटवारी और पंचायत सचिव आपसी समन्वय से काम करेंगे। यदि आवश्यक हुआ तो संबंधित थाने से पुलिस बल की सहायता भी ली जा सकती है, ताकि जुर्माने की प्रक्रिया सुचारू रूप से लागू हो सके।

सैटेलाइट से निगरानी

भारत सरकार की संस्था आईसीएआर-क्रीम्स देशभर में सैटेलाइट के जरिए पराली जलाने की मॉनिटरिंग कर रही है। इसका डेटा राज्य सरकार को मिलेगा, जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पर्यावरण और जन-स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए किसानों को नरवाई जलाने से रोका जाए। राज्य में फसल अवशेष प्रबंधन के वैकल्पिक उपायों पर भी काम किया जा रहा है, ताकि किसानों को पराली जलाने की आवश्यकता ही न पड़े।

क्या हैं विकल्प?

सरकार किसानों को पराली जलाने की बजाय इसे जैविक खाद में बदलने, पशु आहार के रूप में उपयोग करने और मशीनों की मदद से खेतों में मिलाने के विकल्प सुझा रही है। हालांकि, कई किसान आर्थिक कारणों से इन उपायों को अपनाने में असमर्थ हैं।

राज्य में फसल कटाई के बाद नरवाई जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सख्ती बढ़ाई जा रही है। किसानों को भी अब सतर्क रहना होगा, क्योंकि सैटेलाइट निगरानी के चलते जुर्माने से बचना मुश्किल हो सकता है।

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