राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश के दुग्ध संघों का संचालन अब राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के हवाले, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की तैयारी

11 सितम्बर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश के दुग्ध संघों का संचालन अब राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के हवाले, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की तैयारी – मध्यप्रदेश में दुग्ध संघों के संचालन का दायित्व राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को सौंपने पर सहमति बन गई है। अगले पांच वर्षों तक एनडीडीबी राज्य के दुग्ध संघों और मध्यप्रदेश राज्य कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन का प्रबंधन करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस निर्णय को राज्य के दुग्ध उत्पादन में एक नई क्रांति का संकेत बताया है, जिससे पशुपालकों और किसानों की आमदनी में इजाफा होगा।

मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश, देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 से 10 प्रतिशत उत्पादन करते हुए देश में तीसरे स्थान पर है और वर्तमान में प्रतिदिन 5.5 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन कर रहा है। प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। जहां देश में प्रति व्यक्ति 459 ग्राम प्रतिदिन दूध की उपलब्धता है वहीं मध्यप्रदेश में यह 644 ग्राम है। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अगले पांच वर्ष में प्रदेश का दुग्ध उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य है। इसके लिए सहकारी आन्दोलन को मजबूत करने और किसानों एवं पशुपालकों को लाभान्वित करने की दिशा में कार्य होगा। प्रदेश के करीब चालीस हजार ग्रामों में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के प्रयास होंगे। वर्तमान में 10 से 15 हजार ग्रामों में दुग्ध उत्पादन की स्थिति संतोषजनक है। शेष ग्रामों में विभिन्न उपायों से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय से मिल रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। प्रारंभ में सचिव भारत सरकार श्रीमती अलका उपाध्याय और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री शाह ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत किया। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की ओर से प्रजेंटेशन दिया गया। बैठक में केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय और एनडीडीबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध संचालक श्री मीनेश शाह भी शामिल थे।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि गोबर से रसोई ईंधन और ऑर्गेनिक खाद प्राप्त करने के प्रयासों को तेज किया जाएगा। आगर-मालवा में इस दिशा में पहल की जा चुकी है और प्रदेश भर में 233 संयंत्र स्थापित कर बायोगैस उत्पादन शुरू किया जा रहा है। छोटे किसानों और पशुपालकों को इसमें सहयोग प्रदान किया जाएगा, ताकि वे गोबर का बेहतर उपयोग कर सकें।

बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री श्री लखन पटेल, विधायक श्री हेमन्त खण्डेलवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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