खरगोन जिले मक्का फसल में अफलन की स्थिति
किसानों द्वारा भुट्टे छोटे रहने और कम दानों की शिकायत
14 सितम्बर 2024, (दिलीप दसौंधी, मंडलेश्वर): खरगोन जिले मक्का फसल में अफलन की स्थिति – किसानों को हर फसल के दौरान परीक्षा देनी पड़ती है , कभी कुदरत के द्वारा अवर्षा /अत्यधिक वर्षा के माध्यम से,तो कभी मानवीय कारणों से। ताज़ा मामला खरगोन जिले के बरुड़ और उमरखली क्षेत्र का सामने आया है जहाँ सैकड़ों एकड़ रकबे में एडवांटा कम्पनी की पीएसी -751 किस्म का मक्का बीज बोने के बाद पौधों की ऊंचाई पर्याप्त होने के बाद भी द्वारा भुट्टे छोटे रह गए। किसानों की शिकायत पर कृषि विभाग के अधिकारियों और वैज्ञानिकों के दल ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया तो खेतों में 80 % तक अफलन की स्थिति पाई गई। संबंधित कम्पनी क्षेत्र में अधिक वर्षा को इसका कारण मान रही है, जबकि इन्हीं किसानों द्वारा बोई गई अन्य किस्म की मक्का की फसल और भुट्टे दोनों अच्छे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि किसानों ने गत वर्ष भी इसी कम्पनी की यही मक्का किस्म लगाकर 30 -35 क्विंटल प्रति एकड़ का उत्पादन लिया था। अच्छे उत्पादन को देखकर किसानों ने इस साल क्षेत्र में बड़े रकबे में यही किस्म लगाई गई थी। लेकिन भुट्टे छोटे रहने से उन्हें काफी नुकसान होगा। कृषि विभाग की जांच में शिकायत को सही पाया गया। भुट्टे छोटे होने से मक्का का उत्पादन 80 % से अधिक प्रभावित होने की संभावना है।
उमरखली के श्री राजू औंकार करोंदे ने कृषक जगत को बताया कि 5 एकड़ में एडवांटा कम्पनी का मक्का किस्म पीएसी -751 को लगाया था। पौधों में भुट्टे भी कम लगे हैं और छोटे भी रह गए हैं। 50 % फसल प्रभावित हुई है। कम्पनी वाले मौसम का कारण बता रहे हैं , जबकि अन्य मक्का किस्म विनर 4343 की फसल अच्छी है। कलेक्टर को आवेदन दिया है। कृषि अधिकारियों द्वारा फसल का निरीक्षण किया गया है । क्षेत्र के करीब 300 किसानों की मक्का फसल पर असर पड़ा है। वहीं इसी गांव के श्री जगदीश ओसवाल ने कहा कि 4 एकड़ में एडवांटा कम्पनी की पीएसी -751 किस्म लगाई थी। 50 % भुट्टे छोटे रह गए , जिसका उत्पादन पर असर पड़ेगा। जबकि पहले भी इसी किस्म को लगाया था, तब अच्छा उत्पादन मिला था। कम्पनी वाले इसे अधिक वर्षा होने का कारण बता रहे हैं ,जबकि अन्य किस्म की मक्का की फसल अच्छी है और उसके भुट्टे भी लम्बे हैं। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और पटवारी खेत देखने आए थे। श्री अखिलेश कोठारी , उमरखली का कहना था कि इस साल साढ़े छः एकड़ में मक्का की पीएसी -751 किस्म लगाई, लेकिन भुट्टे छोटे रह गए। जबकि 4 साल से यही किस्म लगा रहे हैं। गत वर्ष तो 32 क्विंटल /एकड़ का उत्पादन लिया था। मक्का की अन्य किस्म 4343 की स्थिति अच्छी है। उसमें कोई समस्या नहीं है। भीकनगाँव और बड़वाह क्षेत्र में भी यह समस्या आई है। कम्पनी को मुआवजा देना चाहिए। यहीं के एक अन्य किसान श्री मनोज कोठारी ने कहा कि इस साल 4 एकड़ में एडवांटा की पीएसी -751 किस्म लगाई, लेकिन पौधों में भुट्टे कम लगने के साथ ही छोटे भी रह गए हैं । जबकि गत वर्ष इसी किस्म की स्थिति अच्छी थी। कृषि विभाग से फसल का निरीक्षण करने आए थे। आसपास के गांव पेनपुर, मोहना और कुम्हारखेड़ा में भी ऐसी ही शिकायत किसानों ने की है।
श्री धर्वेन्द्र सिंह, एडवांटा एरिया सेल्स ऑफिसर ने कृषक जगत को बताया कि अधिक वर्षा के कारण उमरखली और आसपास के क्षेत्र में मक्का फसल में अफलन हुआ है।अन्य क्षेत्रों से ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है।
श्री एम एस सोलंकी , उप संचालक कृषि , खरगोन ने कृषक जगत को बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों के दल द्वारा प्रभावित गांवों में मक्का फसल के किए गए निरीक्षण का प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है। नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
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