सोयाबीन किसानों को मिलेगा भावांतर योजना का लाभ, पंजीयन जल्द शुरू
26 सितम्बर 2025, भोपाल: सोयाबीन किसानों को मिलेगा भावांतर योजना का लाभ, पंजीयन जल्द शुरू – मध्यप्रदेश सरकार ने इस साल सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना लागू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को कहा कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए यह योजना शुरू की जा रही है।
इस बार केंद्र सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5328 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि अगर मंडियों में किसानों को इससे कम दाम मिलते हैं, तो अंतर की भरपाई भावांतर योजना के तहत की जाएगी। इसके लिए किसानों का पंजीयन अनिवार्य होगा।
ऐसे मिलेगा मुआवजा
भावांतर योजना में दो स्थितियों के आधार पर क्षतिपूर्ति तय की जाएगी—
1. यदि मंडी में फसल का भाव एमएसपी से कम, लेकिन राज्य सरकार द्वारा घोषित ‘औसत मॉडल भाव’ से अधिक है, तो किसान को एमएसपी और उसके वास्तविक बिक्री मूल्य के अंतर की राशि मिलेगी।
2. यदि फसल का भाव घोषित ‘औसत मॉडल भाव’ से भी नीचे बिकता है, तो किसान को एमएसपी और इस ‘औसत मॉडल भाव’ के अंतर का भुगतान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले भी प्राकृतिक आपदाओं और बीमारियों से प्रभावित फसलों के लिए राहत राशि दी गई है। उन्होंने कहा कि इस साल पीले मोजेक रोग से प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कराया जा रहा है और प्रभावित किसानों को आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।
राज्य सरकार का कहना है कि भावांतर योजना के तहत पंजीयन प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। फिलहाल किसान मंडियों में सामान्य रूप से फसल की बिक्री कर सकेंगे और कीमत में कमी होने पर योजना के जरिए उन्हें मुआवजा मिलेगा।
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