प्रदेश में 27 लाख हेक्टेयर से अधिक हुई बोनी
92 लाख हेक्टेयर में होगा गेहूं
12 नवंबर 2024, भोपाल: प्रदेश में 27 लाख हेक्टेयर से अधिक हुई बोनी – चालू रबी सीजन 2024-25 में गत वर्ष की तुलना में बुवाई में तेजी आई है। अब तक लगभग 27 लाख 79 हजार हेक्टेयर में बोनी हो गई है। जबकि गत वर्ष इस अवधि में 14.42 लाख हेक्टेयर में बोनी हुई थी। राज्य की प्रमुख फसल गेहूं की बोनी भी शुरू हो गई है। अब तक 10.56 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया है। इस वर्ष रबी फसलों का लक्ष्य 140.08 लाख हेक्टेयर है। लगभग 48 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की मांग भारत सरकार से की गई है।
कृषि विभाग के मुताबिक प्रदेश में रबी फसलों का सामान्य क्षेत्र 133 लाख 82 हजार हेक्टेयर है। इस वर्ष 140.08 लाख हेक्टेयर में रबी फसलें ली जाएंगी।
कृषि विभाग के मुताबिक अब तक 27.79 लाख हेक्टेयर में बोनी कर ली गई है। इसमें राज्य की प्रमुख रबी फसल गेहूं की बोनी 10.56 लाख हेक्टेयर में हुई है। जबकि गत वर्ष अब तक 3.50 लाख हे. में गेहूं बोया गया था। दूसरी प्रमुख फसल चने की बोनी अब तक 5.07 लाख हेक्टेयर में हो गई है जो गत वर्ष समान अवधि में 3.31 लाख हे. में हुई थी। अन्य फसलों में अब तक मटर 1.13 लाख हे. में, मसूर 2.80 लाख हे. में बोई गई है।
राज्य की प्रमुख तिलहनी फसल सरसों की बोनी 7.64 लाख हे. में हुई है जबकि इस वर्ष 14.61 लाख हे. लक्ष्य रखा गया है। वहीं अलसी की बोनी 39 हजार हेक्टेयर में हुई है। इस वर्ष गन्ना 1.07 लाख हेक्टेयर में लिया जायेगा, अब तक 16 हजार हेक्टेयर में बोनी हो गई है। प्रदेश में अब तक कुल अनाज फसलें 10.61 लाख हे. में, दलहनी फसलें 9 लाख हे. में एवं तिलहनी फसलें 8.03 लाख हेक्टेयर में बोई गई हैं। प्रदेश में अब तक लक्ष्य के विरुद्ध गेहूं की बुवाई 12 फीसदी, चने की 24 फीसदी एवं सरसों की बोनी 52 फीसदी हो गई है।
कृषि विभाग के मुताबिक अब तक गेहूं की बुवाई सबसे अधिक उज्जैन संभाग में हुई है। यहां 15.67 लाख हेक्टेयर लक्ष्य के विरुद्ध 5.74 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई है। इसी प्रकार मटर की बोनी सागर संभाग में सबसे अधिक 57 फीसदी एवं जबलपुर संभाग में 34 फीसदी हो गई है। वहीं सरसों की बोनी सबसे अधिक मुरैना संभाग 3.51 लाख हेक्टेयर में हुई है। जो लक्ष्य के विरुद्ध 75 फीसदी है। वहीं ग्वालियर संभाग में 1.63 लाख हेक्टेयर में सरसों की बोनी कर ली गई है।
जानकारी के मुताबिक उर्वरक जैसे महत्वपूर्ण आदान की राज्य शासन ने केन्द्र से 48 लाख मीट्रिक टन की मांग की है इसमें मुख्यत: यूरिया 24 लाख टन, एसएसपी 6.50 लाख टन, एमओपी 1 लाख टन, डीएपी 8 लाख टन, एनपीके 6 लाख मीट्रिक टन की मांग शामिल है।
हालांकि बुवाई प्रारंभ होने के बाद भी राज्य में डीएपी का संकट बरकरार है। मांग की तुलना में आपूर्ति की कमी बनी हुई है। इधर राज्य एवं केन्द्र सरकार ने पर्याप्त उर्वरक व्यवस्था का दावा किया है, परन्तु किसानों की सोसायटी के सामने लगी लम्बी कतारें सरकारी दावे को झूठा साबित कर रही हैं।
रबी फसलों की बुवाई 8 नवम्बर 2024 तक (लाख हे. में) | |||
फसल | लक्ष्य | बुवाई | |
गेहूं | 91.86 | 10.56 | |
जौ | 0.36 | 0.05 | |
चना | 20.52 | 5.07 | |
मटर | 2.67 | 1.13 | |
मसूर | 7.92 | 2.80 | |
सरसों | 14.61 | 7.64 | |
अलसी | 1.07 | 0.39 | |
गन्ना | 1.07 | 0.16 |
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