राज्य कृषि समाचार (State News)

अंतरवर्तीय फसल की बुआई करना किसानों के लिये रहेगा फायदेमंद

14 जून 2021, इंदौर । अंतरवर्तीय  फसल की बुआई करना किसानों के लिये रहेगा फायदेमंद –  इंदौर जिले के किसानों को  कृषि विभाग द्वारा सलाह दी गई  है कि वे खरीफ के दौरान अंतर्वर्तीय फसलों की बुआई करें। सोयाबीन फसल के साथ अन्य फसलों की अंतरवर्तीय फसल लेने से अकेली सोयाबीन फसल लेने की तुलना में अधिक लाभप्रद है। सिंचित क्षेत्रों में सोयाबीन के साथ मक्का, ज्वार आदि की अंतरवर्तीय फसल लेना फायदेमंद है। इसके लिए सोयाबीन फसल के साथ 4:2 या 2:2 के अनुपात में अन्य फसल की लाईने ली जा सकती है। खेती से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ  कृषि विकास अधिकारी से सम्पर्क किया जा सकता है।

उप संचालक कृषि श्री शिवसिंह राजपूत ने बताया कि  इन्दौर जिले में इस वर्ष खरीफ में कुल रकबा दो लाख 49 हजार 985 हैक्टर में प्रस्तावित है। जिसमें से मुख्यतः सोयाबीन 2 लाख 20 हजार 110 हेक्टर, मक्का 8500 हैक्टर, ज्वार 249 हैक्टर, उड़द 500 हैक्टर, मूँगफली 700 हैक्टर एवं अरहर 1820 हैक्टर बोई जाना प्रस्तावित है। इसी प्रकार रसायनिक खाद में यूरिया  18 हजार मैट्रिक  टन, डी.ए.पी. 7 हजार 700 मैट्रिक  टन, काम्पलेक्स खाद का 15 हजार 648 मैट्रिक  टन वितरण करना प्रस्तावित है तथा बीज में 81 हजार 982 क्विंटल लक्ष्य के विरुद्ध 86 हजार 125 क्विंटल सहकारिता एवं निजी क्षेत्र में उपलब्धता होकर वितरण कार्य चल रहा है।

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श्री राजपूत ने यह भी बताया कि खरीफ फसलों की बुआई हेतु किसानों को सलाह दी गई  है कि जिले में तीन या चार इंच वर्षा होने के उपरांत ही फसलों की बुआई करें । बोनी हेतु कृषक स्वयं का भी बीज उपयोग में ले सकते है । इस हेतु घर में उपलब्ध सोयाबीन को स्पायरल सीड ग्रेडर से ग्रेडिंग कर अच्छे बीज का चयन कर ले। इसके पश्चात् अंकुरण परीक्षण करके देख लेवें कि न्यूनतम 70 प्रतिशत से अधिक है या नहीं। अंकुरण 70 प्रतिशत से अधिक हो तो यह बीज उत्तम होगा। 75 किलो प्रति हैक्टर की दर से बोनी की जाये । अंकुरण प्रतिशत 70 प्रतिशत से कम है तो बीज की मात्रा बढाकर बोनी की जा सकती है। बोनी के पूर्व सोयाबीन बीज को थायरम 2 ग्राम एवं कार्बेन्डाजिम एक ग्राम प्रति किलो ग्राम की दर से बीज उपचारित कर बोयें। उपचारित बीज को छाया में सुखाने के पश्चात् कल्चर तथा पी.एस.बी. कल्चर दोनो 5 ग्राम प्रति किलो ग्राम प्रति की दर से अच्छी तरह मिलाकर तुरन्त बोनी करना चाहिए।

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