सोपा की चिंता, सरकार के इस फैसले से टूट सकता है किसानों का मनोबल
19 अप्रैल 2025, भोपाल: सोपा की चिंता, सरकार के इस फैसले से टूट सकता है किसानों का मनोबल – सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया सोपा ने चिंता व्यक्त की है कि यदि केन्द्र सरकार सोयाबीन की प्रस्तावित बाजार बिक्री का निर्णय जून माह से पहले लेती है तो इससे किसानों का मनोबल टूट सकता है। इसलिए सोपा ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से नाफेड और एनसीसीएफ द्वारा सोयाबीन की प्रस्तावित बिक्री को जून के अंत तक स्थगित करने की मांग की है। सोपा ने सरकार को पत्र जारी करके कहा कि जून से पहले बिक्री किसानों का मनोबल तोड़ सकती है, बोनी को बाधित कर सकती है और सरकार को भी भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
पिछले वर्ष सीजन के दौरान केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी की थी। सरकार के पास न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे गए सोयाबीन का भंडार जमा है।
सरकार यह सोयाबीन अब खुले बाजार में बेचने की फिराक में है, इसके लिए सरकार एक बार टेंडर जारी करके खुली बिक्री कर चुकी है। सरकार द्वारा की गई इस बिक्री से सोयाबीन के भाव पर गंभीर असर पड़ा एवं सोयाबीन के भाव ₹4000 प्रति क्विंटल से नीचे गिर गए।
इसके बाद सरकार ने खुली बिक्री पर 3 महीने के लिए रोक लगा दी थी। इसका असर भी सोयाबीन के भाव पर पड़ा और सोयाबीन के भाव में तेजी आई वर्तमान में सोयाबीन के भाव 4500 रुपए प्रति क्विंटल के चल रहे हैं। इस बीच एक बार फिर से सोयाबीन की खुली बिक्री को लेकर चर्चाएं चलने लगी है। बताया जा रहा है कि सरकार मई माह के अंत या जून माह की शुरुआत में खुली बिक्री के आदेश दे सकती है। हालांकि सरकार की ओर से इस संबंध में अभी औपचारिक रूप से किसी प्रकार का कोई बयान नहीं आया है लेकिन ऐसी चर्चाओं से सोयाबीन के भाव पर विपरीत असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है यही कारण है कि सोयाबीन भाव को लेकर अब सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा ) ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से नाफेड और एनसीसीएफ द्वारा सोयाबीन की प्रस्तावित बिक्री वह टालने का आग्रह किया है ।
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