राजस्थान में डीएपी की आपूर्ति पर जोर: एसएसपी और एनपीके बने वैकल्पिक विकल्प
25 नवंबर 2024, जयपुर: राजस्थान में डीएपी की आपूर्ति पर जोर: एसएसपी और एनपीके बने वैकल्पिक विकल्प – राजस्थान सरकार रबी सीजन 2024-25 के दौरान डीएपी उर्वरक की मांग को पूरा करने के लिए लगातार प्रयासरत है। राज्य में डीएपी की कमी के बीच किसानों को एसएसपी और एनपीके जैसे वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस साल अक्टूबर 2024 में एसएसपी का उपयोग 76% और एनपीके का उपयोग 221% बढ़ा है, जो किसानों की बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।
डीएपी आपूर्ति और मौजूदा स्थिति
राजस्थान में रबी सीजन के लिए अक्टूबर-नवंबर के दौरान डीएपी की मांग 2.81 लाख मीट्रिक टन थी, जबकि 2.08 लाख मीट्रिक टन (74%) डीएपी की आपूर्ति की गई। फिलहाल राज्य में 41 हजार मीट्रिक टन डीएपी का स्टॉक उपलब्ध है, जो 10 दिनों के लिए पर्याप्त है। साथ ही, अगले 2-3 दिनों में 20 हजार मीट्रिक टन डीएपी की अतिरिक्त आपूर्ति होने वाली है।
डीएपी की कमी का कारण और समाधान
राज्य के कृषि आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल ने बताया कि डीएपी की आपूर्ति काफी हद तक आयात पर निर्भर है। इस साल आयात में कमी से पूरे देश में डीएपी की उपलब्धता प्रभावित हुई है। राजस्थान सरकार इस कमी को दूर करने के लिए भारत सरकार के साथ समन्वय कर रही है और अधिक डीएपी उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं।
उर्वरकों की कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई
उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी और नकली उत्पादों पर रोक लगाने के लिए कृषि विभाग लगातार अभियान चला रहा है। 15 सितंबर से शुरू हुए गुणनियंत्रण अभियान के तहत 5,478 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। इसमें अनियमितताओं के कारण 618 नोटिस, 58 विक्रय प्रतिबंध, 39 प्राधिकार पत्र निलंबन, 8 प्रतिष्ठानों पर जब्ती कार्रवाई और 7 विक्रेताओं के प्राधिकार पत्र रद्द किए गए।
हिण्डौन सिटी में नकली डीएपी की पैकिंग करते हुए पकड़े गए मामले में 160 कट्टे डीएपी और अन्य उर्वरकों को जब्त किया गया। बीकानेर और जयपुर जिलों में भी बड़ी मात्रा में नकली और अवैध उर्वरकों की जब्ती हुई है।
रबी सीजन के दौरान उर्वरकों की गुणवत्तायुक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 23 नवंबर से 30 नवंबर तक विशेष गुणनियंत्रण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य किसानों को असली और गुणवत्तापूर्ण उर्वरक उपलब्ध कराना है।
सरकार किसानों से अपील कर रही है कि वे डीएपी के विकल्प के रूप में एसएसपी और एनपीके का उपयोग करें। यह उर्वरक न केवल किफायती हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और फसल की गुणवत्ता सुधारने में भी सहायक हैं।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: