MSP पर सरकारी खरीद जोरों पर, लेकिन मंडियों में टूटे गेहूं के रेट
18 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: MSP पर सरकारी खरीद जोरों पर, लेकिन मंडियों में टूटे गेहूं के रेट – गेहूं की नई फसल की मंडियों में तेजी से आवक के बीच कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है। व्यापारियों के अनुसार, पिछले एक महीने में मिलिंग क्वालिटी गेहूं की कीमतें 3200-3400 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 2450-2600 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई हैं। इस साल बंपर उत्पादन की उम्मीद और बेहतर गुणवत्ता वाले अनाज की आपूर्ति से कीमतों में और नरमी आने की संभावना है।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 115.3 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में 2% अधिक है। इस सीजन में गेहूं की बुआई 32 मिलियन हेक्टेयर में हुई, जो पिछले साल के 31.56 मिलियन हेक्टेयर से ज्यादा है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फसल की कटाई अपने चरम पर है। खाद्य मंत्रालय के अनुसार, गुरुवार तक मंडियों में 13.48 मिलियन टन गेहूं की आवक हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह मात्र 6.59 मिलियन टन थी।
कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य के आसपास
व्यापारियों का कहना है कि गेहूं की कीमतें इस सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2425 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास रहेंगी, क्योंकि अगले हफ्ते आवक और बढ़ने की उम्मीद है। रोलर फ्लौर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नवनीत चितलंगिया ने बताया, “इस साल गेहूं का उत्पादन पिछले साल की तुलना में अधिक है और मंडियों में आने वाला अनाज गुणवत्ता में भी बेहतर है।”
इसके अलावा, कीमतों में कमी से गेहूं की महंगाई, जो मार्च 2025 में 9% थी, पर भी लगाम लगने की उम्मीद है। गेहूं प्रसंस्करण उद्योग ने इस साल उत्पादन को 110 मिलियन टन आंका है, जो पिछले साल के 105-106 मिलियन टन से ज्यादा है।
सरकारी खरीद में तेजी
2025-26 विपणन सीजन (अप्रैल-जून) में सरकार ने MSP पर गेहूं खरीद में तेजी दिखाई है। अब तक मध्य प्रदेश (4 मिलियन टन), हरियाणा (2.98 मिलियन टन), पंजाब (0.52 मिलियन टन) और राजस्थान (0.48 मिलियन टन) जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों से 8.35 मिलियन टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। यह पिछले साल की तुलना में 92% अधिक है। व्यापारियों का अनुमान है कि सरकार इस साल 31 मिलियन टन के खरीद लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेगी, जो 2021-22 के बाद पहली बार होगा।
2021-22 में रिकॉर्ड 43.3 मिलियन टन खरीद के बाद, 2022-23 में कम उत्पादन के कारण यह घटकर 18.8 मिलियन टन रह गई थी। हालांकि, 2023-24 और 2024-25 में खरीद क्रमशः 26.2 और 26.6 मिलियन टन तक बढ़ी।
FCI के पास पर्याप्त स्टॉक
वर्तमान में खाद्य निगम ऑफ भारत (FCI) के पास 15.56 मिलियन टन गेहूं का स्टॉक है, जो 1 अप्रैल के लिए निर्धारित बफर स्टॉक 7.46 मिलियन टन से कहीं अधिक है। FCI सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए हर साल लगभग 18.4 मिलियन टन अनाज की आपूर्ति करता है। अतिरिक्त खरीद से खुले बाजार में बिक्री के जरिए कीमतों को नियंत्रित करने और बफर स्टॉक बनाए रखने में मदद मिलेगी।
बोनस और स्टॉक घोषणा
मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार ने MSP के अलावा क्रमशः 175 रुपये और 150 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने की घोषणा की है। साथ ही, खाद्य मंत्रालय ने अप्रैल की शुरुआत से व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसरों को गेहूं के स्टॉक की साप्ताहिक घोषणा करने का निर्देश दिया है। यह कदम 31 मार्च, 2025 को स्टॉक सीमा हटाने के बाद उठाया गया है।
बंपर फसल और सरकारी खरीद की रफ्तार से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सस्ता गेहूं उपलब्ध होगा, जिससे महंगाई पर अंकुश लगेगा।
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